प्राइवेट स्कूलों पर निर्णय लेने में अक्षम योगी सरकार

करोना काल के लगभग डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने फीस को लेकर रुख साफ नहीं किया है। अभिभावकों को ऑनलाइन पढ़ाई के ऐवज में दोहरी बेइज्जती झेलनी पड़ रही है। सरकार प्राइवेट स्कूलों के साथ खड़ी है और अभिभावक फीस जमा करने के बावजूद जलील हो रहें हैं। एक दिन फीस लेट हो जाने पर वाट्स एप ग्रुप से बाहर.? फीस जमा करने जाएं तो पहले फीस काउंटर पर बेइज्जती करवाएं और फिर बगले झांकते हुए दूसरों ने नज़रें चुराएं.? वाट्स एप यानी ऑनलाइन क्लासेज की संख्या दिन में दो, लेकिन फीस पूरी.? जो अभिभावक धीरे-धीरे फीस जमा करवा रहें उनके दिल पर क्या गुजरती है इसका बयान बहुत मुश्किल है। प्राइवेट शिक्षक अपनी देनदारी पर कहते हैं स्कूल पूरी तन्खवाह नहीं दे रहा.! फिर आखिर धन उगाही के इन शर्मसार अड्डों पर योगी सरकार मौन क्यों.? माध्यमिक शिक्षा मंत्री तथा उपमुख्यमंत्री स्वयं शिक्षक रहे हैं शायद इसलिए.? अन्य राज्यों ने प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसी है और अभिभावकों को राहत मिली है तब यूपी में क्यों नहीं.? प्राइवेट नौकरी वाले अभिभावकों की आय घटी है लेकिन डीजल व पेट्रोल की तर्ज पर फीस वृद्धि होती जा रही है.! कम से कम सरकार एक स्पष्ट निर्देश जारी करें कि ऑनलाइन क्लासेज के समय फीस स्ट्रक्चर कैसा होना चाहिए.!

रिपोर्टर

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