७०० दिब्यागो में ४५० अपात्र , स्थायी निवास प्रमाण पत्र की मार


फेरीवालों की तरह दिब्यांगों को मिले छूट 
ठाणे।दिब्यांगों के बिकास एवं पुनर्वशन हेतु राज्य तथा केंद्र सरकार अनेक योजनाए चला  रही है। इन्ही योजनाओ के तहत दिब्यांगों को ब्यवसाय के लिए जगह उपलब्ध करान है पर  योजना को उस समय गहरा झटका लगा जब स्थायी निवास प्रमाण पत्र के अभाव में ४५० दिब्यांग अपात्र घोषित कर दिए गए।  विश्व दिव्यांग अत्याचार विरोधी मंच द्वारा संचालित बृहन्महाराष्ट्र दिव्यांग विकास कामगार संघटना ने मनपा आयुक्त संजीव जैसवाल से हाकर्स पॉलिसी में जिस तरह की छूट दी गयी है वही छूट दिब्यांगों को देने तथा अपात्र दिब्यांगों को पात्र करने की मांग की है। 
उल्लेखनीय है कि बिश्व दिब्यांग अत्याचार बिरोधी मंच के अध्यक्ष मो युसूफ फारुख खान के मार्गदर्शन में एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्य सरकार द्वारा ४ दिसंबर २०१७ को आयोजित लोकशाही दिन पर ब्यवसाय हेतु जगह उपलब्ध कराने की मांग की थी। राज्य सरकार ने इस मांग को गंभीरता से लिया और ठाणे मनपा आयुक्त संजीव जैसवाल को दिब्यांगों की मांग पर अमल करने का निर्देश दिया। राज्य सरकार का निर्देश मिलने के बाद आयुक्त जैसवाल ने अधिकारियो को ३० दिन के अंदर जगह उपलब्ध कराने का आदेश दिया तथा दिब्यांगों से मिलकर १००० लोगो को ब्यवसयिक जगह उपलब्ध कराने का वादा किया। इसके बाद अधिकारियो ने २० दिन के अंदर ही शहर के दिब्यांगों से आवेदन मंगाए। ब्यवसायिक जगह के लिए कुल ७०० दिब्यांगों ने आवेदन किया। आवेदन पत्रों की जब जांच की गयी तो इनमे से ४५० दिब्यांगों को अपात्र घोषित कर दिया गया। कारण कि उनके पास तहसीलदार कार्यालय द्वारा जारी किये जाने वाला स्थायी निवास प्रमाण पत्र नहीं था। यह जनकलरी मिलते ही शहर के दिब्यांगों में घोर निरशा का माहौल बन गया। इससे निपटने के लिए मंच के यूसुफ खान,मेहबूब हुसैन काजी,अब्दुल गफ्फार शेख़,सुशील कुमार प्रजापति,अशोक कुमार गुप्ता, सुरेश यादव् ,सलीम शेख़,संजय यादव,  नूरजहाँ सुल्तान खान,शबाना अजीम खान,रिमा यादव, राजेश जयसिंह माने,केदार विलास गायकवाड़,अर्चना राणे आदि ने आयुक्त से मिलकर  निवास प्रमाण पत्र के नियम में  जिस तरह से राष्ट्रीय फेरिवाले निति में पंजीकरण के समय छूट देने का निर्णय लिया गया है उसी तरह दिव्यांग व्यक्तियों को छूट तथा अपात्र को पात्र करने की मांग की है। 

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