भिवंडी के साइजिंग कंपनियों के कारण वन संपदा का नुकसान

भिवंडी।। भिवंडी शहर तथा आसपास क्षेत्रों में सैकड़ों कपड़ा साइजिंग कंपनियां संचालित है। इन साइजिंग कंपनियों के बॉयलर में पानी गर्म करने के लिए भारी मात्रा में लकड़ियाँ जलाई जाती रही है। जिसे वन अधिकारियों द्वारा अनदेखी किया जाता रहा है। इसके साथ ही मनपा के प्रदूषण विभागीय अधिकारी भी शहर में लगातार फैल रहे प्रदूषण को भी अनदेखी कर रहे है। साइंजिग कंपनियों में जलाऊ लकड़ी कहां से लायी जाती है। इस प्रकार का सवाल उठने लगा है।साइंजिग कंपनियों में प्लास्टिक, टायर तथा वेस्टेज जलाने के कारण शहर में प्रदूषण की मात्रा दिनोंदिन बढ़ रहा है। नागरिकों द्वारा इसकी शिकायत प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सहित मनपा के पर्यावरण विभाग में किया जाता रहा है।जिसके समाधान हेतु कंपनियों के मालिकों ने लकड़ी जलाना शुरू कर दिया है। जिसके कारण जागरूक नागरिकों ने शंका व्यक्त किया है कि वन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई कर इन लकड़ियों को लाया जाता है। बतादें की पर्यावरण संतुलन के लिए सरकार द्वारा वनों का सुरक्षित और संरक्षण किया जा रहा है। किन्तु इसके विपरीत जलाऊ लकड़ियो के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की जा रही है और लकड़ियाँ ट्रकों में भर कर साइजिंग कंपनियों तक सुरक्षित पहुंचा जाता है। किन्तु आश्चर्य की बात यह कि प्रत्येक मुख्य नाकों पर बनी वन विभाग की चौकियाँ पर तैनात वन अधिकारियों द्वारा लकड़ियों से भरे ट्रको पर कार्यवाही नहीं की जाती है। पेड़ों की कटाई रोकने के लिए और वन सुरक्षित रखने के लिए इन ट्रको सहित साइंजिग कंपनियों पर कार्यवाही कर वन को सुरक्षित कर वातावरण शुद्ध किया जा सकता है। इस प्रकार की मांग नागरिकों द्वारा शासन व प्रशासन से किया है।

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