आज के बदलते समाज के बदलते दौर, हमारे देश के राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए खेल रहे सियासी दांव

आज के बदलते समाज के बदलते दौर मे हमारे देश के राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए कोई न कोई सियासी दांव खेल रहे है।  भिन्न-भिन्न पार्टियाँ भिन्न-भिन्न मुद्दा अख्तियार करती है।  सरकारे आती है,  जाती है। लेकिन राज प्रमुखो की गलतियां देश की भावी पीढ़ी को नष्ट करती है।  इनके अस्तित्व का आधार है।  जाति धर्म क्षेत्र भाषा,गरीबी हटाओ,का नारा लगाते है।  पर गरीबी एक चुनौती है।  हमारे जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पीड़ित जनता के कल्याण बेरोजगारों,कमजोरो संकटग्रस्त कृषि क्षेत्र धर्म से जुड़े गोवंश घड़रोजो पर ध्यान रखने के बजाय हमारी राजनीतिक पार्टिया खजाना लूटा रही है।  चुनाव अभियान का संचालन भारी भीड़ और रोड शो के जरिए किया जाता है।  अमीरो गरीबो के बीच की खाई चौड़ी होती जा रही है।  सभी दल एक दुसरे के खिलाफ अमर्यादित भाषा बोल रहे है सुनने वालो के होश उड़ जाएं।  पप्पू,फेकू, सहजादे, बुआ भतीजे से बढ़ते बढ़ते बात अब गधा,आतंकवादी,गैंडा और कब्रिस्तान श्मशान जैसी साम्प्रदायिक भाषा तक पहुंच चुकी है।  सभी दल समाज मे जहर और नफर फैलाने पर उतारू है।  आजादी के समय हमारे देश के सभी जाति धर्म के लोग एक साथ मिलकर अंग्रेजो से मुकाबला किया।  अंग्रेजो को यहा से जाना पड़ा।  उस समय मे अंग्रेज अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल न कर   फूट डालो राज्य करो, वाली नीति अपनाई थी।  समाज ठगी,चोरी,डकैती,और भ्रष्टाचार से भरा है।  जब की हमारा देश महान मनिषियों के सपनो का भारत है।  फिर भी आरोप-प्रत्यारोप के वातावरण से ऐसा लगता है कि देश मे कोई ईमानदार ही नही है।  भारत कानून को धर्म के रूप मे देखता हा। पर आज कानून धर्म मे अंतर कर दिया गया है।  आज धर्म कानून से बड़ी चीज है फिर भी आशा की ज्योति बुझी नही है।  हमे निराश होने की जरूरत नही है।  यह स्पष्ट हो गया है कि विश्वसनीयता के मामले मे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा के मुकाबले फिर हाल कोई टिक नही पा रहा है।  भाजपा के आगे खुला आसमान है।  सहयोगी दलो को भी इसका अहसास हो गया है कि प्रधानमंत्री जी की विश्वसनीयता दुरूस्त है।  चुनाव कोई भी हो,वोटर उनके चेहरे पर ही वोट करते है। जहां मुकाबला, सुशासन और जंगल राज के बीच चल रहा है।  उत्तर प्रदेश मे चुनाव नजदीक है।  भाजपा को सत्ताविरोधी लहर से लड़ना आता है।  दरअसल कोई भी चुनाव रहा हो, या प्रदेशो के उपचुनाव मे कोई सीट ऐसी नही रही जहा भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान परधामंत्री  नरेंद्र मोदी का जिक्र न किया हो।  सत्ता बदलने का का दम भर रही है कांग्रेस अंदरूनी राजनीति मे एक बार भी नए सिरे से हड़कंप का रास्त भी खोल दिया है।  कांग्रेस को सियासी संक्रमण के दौर से बाहर निकालने की आवाज बुलंद करने वाले असंतुष्ट नेताओ के सुर एक बार फिर पार्टी हाईकमान की चुनौती बढ़ा सकते है। बिहार चुनाव के साथ हुए उपचुनाव के नतीजो मे भी कांग्रेस का प्रदर्शन कसौटी पर खरा नही उतरा है।  राहुल को दुवारा कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौपने की कसरत पार्ट मे शुरू हो गयी है।  ये वो लोग है जिन्हने उत्तर प्रदेश को सिर्फ जाति, मजहम,पंथ के चश्मे से ही देखा।  मोदी जी यूपी मे मे विरासत को भी बढ़ा रहे है।  विकास भी कर रहे है । विकास के साथ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से यूपी व काशी को विशिष्ट पहचान दिलाई है।  उत्तर प्रदेश के 20 लाख लोगो को उनकी आबादी की जमीन का धरौनी प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।  परधामंत्री जी का सोंच ईमानदार, काम दमदार,  40 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां सपने हुए साकार मिला।  मजबूत भविष्य का आधार मोदी जी के नेतृत्व मे गौरवशाली एवं समृद्ध भारत का निर्माण हो रही है।  देश के कायाकल्प के लिए युवाओ की ओर अपेक्षा से देखने वाले महान देशभक्त स्वप्न साकार करने के लिए अपनी समस्त शक्तियां एकत्रित कर ले, जिसमे एड़ी से चोटी तक शिराओ मे भर पूर देशप्रमी चेतना का स्पंदन हो।  

   




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