मेरे पास---मृदुला घई

यूँ ख्यालों में ना होते गुम

अगर मेरे पास ही होते तुम


होके अपनी मुस्कराहटों पे सवार

हँसी सा खनक जाते हम

दिल की धड़कन में गूँज

सरगम सा बज जाते हम

तब गहरी आँखों में डूब

नशे से झूम जाते हम

मौन को मौन से रिझा

बातों में खो जाते हम


यूँ ख्यालों में ना होते गुम

अगर मेरे पास ही होते तुम


शरमाई नशीली नज़रों से सहला

सुरूर में बहक जाते हम

आत्माओं को झीना सा कर

सौंधे से महक जाते हम

अटूट चाहत में हो सराबोर

अपने से हो जाते हम

दिल की आग में तप

सावन सा बरस जाते हम

यूँ ख्यालों में ना होते गुम

अगर मेरे पास ही होते तुम


प्यार इज़हार में हो मदहोश

मोम सा पिघल जाते हम

प्रेम पुकार की बन कशिश

सीने से लिपट जाते हम

मिलन की उम्मीद से सिहर

बाँहों में सिमट जाते हम

साँसों को साँसों में मिला

प्यार में भीग जाते हम


यूँ ख्यालों में ना होते गुम

अगर मेरे पास ही होते तुम

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