15 से 17 वर्ष तक के बच्चों के लिये 10 फरवरी को सभी प्रखंडों में चलेगा टीकाकरण का महाअभियान

- जिले में पार हो चुका है 20 लाख टीकाकरण का आंकड़ा, 1105292 लोगों ने लिये टीके की पहली डोज

- एक लाख किशोर-किशोरियों ने भी ली टीके की डोज

बक्सर ।। जिले में किशोर-किशोरियों को टीकाकृत करने के लिये महाअभियान चलाया जा रहा है। राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार जिले में सात, आठ व 10 फरवरी को महाअभियान चलाया जाना है। इस क्रम में मंगलवार को टीकाकरण के लिये 290 केंद्रों का संचालन किया गया। हालांकि, परीक्षा व विभिन्न कारणों के कारण फिलहाल किशोर-किशोरियों को टीकाकृत करने की गति थोड़ी धीमी हो गई है। लेकिन, जिला प्रतिरक्षण विभाग इसे गति देने में प्रयासरत है। ताकि, लक्ष्य के अनुरूप जिले के 15 से लेकर 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर-किशोरियों को ससमय टीकाकृत किया जा सके।

आगे भी चलाया जाता रहेगा महाअभियान :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, मंगलवार की दोपहर तक जिले में अब तक लोगों को 2031192 टीके दिये जा चुके हैं। जिसमें 1105292 लोगों ने टीके की पहली व 914280 लोग दूसरी डोज ले चुके हैं। वहीं, 11620 लोगों को टीके की तिसरी यानी प्रिकॉशन डोज दी जा चुकी है। हालांकि, टीकाकरण के इस अभियान में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही है। अब 1019743 महिलाओं ने और 999440 पुरुषों ने टीके की पहली या दोनों डोज ली है। उम्र वर्ग की बात करें तो, 15 से 17 वर्ष तक के 104226, 18-44 साल तक के 1209769, 45 से 60 वर्ष तक के 400774 तथा 60 से अधिक उम्र के लोगों को 316423 डोज दी जा चुकी है।

सरकारी व निजी स्कूलों में लगाये जा रहे हैं शिविर : 

डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, विभाग जिले में मैट्रिक की परीक्षा शुरू होने के पूर्व 15 से 17 वर्ष तक के बच्चों को टीकाकृत करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिये सरकारी व निजी स्कूल प्रबंधन के साथ-साथ अभिभावकों का भी सहयोग अपेक्षित है। ताकि, बच्चों को परीक्षा के पूर्व टीके की डोज देकर संक्रमण की संभावना से बचाया जा सके। इसके लिये स्कूल प्रबंधन व संचालकों के साथ बैठक करने की तैयारी की जा रही है। साथ ही, इस अभियान को सफल बनाने के लिये किशोर-किशोरियों को भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के जरीये न केवल स्कूल जाने वाले बच्चों, बल्कि ड्रॉप आउट हो चुके बच्चों को भी चिन्हित कर टीकाकृत किया जा रहा है।

संक्रमण कम हुआ है, खतरा नहीं :

‘जिले में किशोर-किशोरियों को टीकाकृत करने के लिये सहयोगी संस्थानों का भी सहायता ली जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं अपने-अपने क्षेत्र के लक्षित वर्ग के समूह के बच्चों को चिन्हित करते हुये, उनकी संख्या देने की जिम्मेदारी दी गई है। ताकि, उन बच्चों को प्रेरित करते हुये टीकाकृत किया जा सके। स्कूली बच्चों को समझना होगा कि जिले में भले भी संक्रमण कम हुआ है, लेकिन उसका खतरा नहीं। ऐसे में 15 से 17 वर्ष तक के किशोर-किशोरी अपने नजदीकी टीकाकरण केंद्र में जाकर अपनी टीके की डोज अनिवार्य रूप से ले लें।’ – डॉ. जितेंद्र नाथ, सिविल सर्जन, बक्सर

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