गोपीगंज या कोईरौना में हो फायर स्टेशन की व्यवस्था- आदर्श त्रिपाठी

गोपीगंज ।। सरकार भले ही आग लगने की घटना को त्वरित काबू पाने के लिए जिलों में फायर स्टेशन बनाई है। जहां से निर्धारित क्षेत्र निश्चित किये है। इसके बावजूद भी जिले में आधे से ज्यादा मामलों में फायर बिग्रेड तभी पहुँचती है। जब सब कुछ आग के हवाले हो गया हो या स्थानीय लोग आग पर काबू पा लिए हो। जहां आने वाले समय को देखते हुए सुविधाओं को लोग अपने नजदीक पाना चाहते है। जिससे आपातकालीन समय में सुविधाओं का सदुपयोग हो सके। लेकिन भदोही जिले के ज्ञानपुर पुलिस लाइन में बना फायर स्टेशन अब कोईरौना, ऊंज, गोपीगंज और ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र से थोडा और दूर करके मूंसीलाटपुर कर दिया गया है। जिससे अब ज्ञानपुर के क्षेत्र में फायर बिग्रेड की गाडी थोडी और देर बाद घटनास्थल पर पहुंचेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ज्ञानपुर पुलिस लाइन में बना फायर स्टेशन बिना किसी शासनादेश के ही मुशीलाटपुर कर दिया गया। जिसकी वजह से ज्ञानपुर पुलिस लाइन में न तो कोई फायर बिग्रेड की गाड़ी या फायर बिग्रेड के कर्मचारी भी नही है। जिससे ज्ञानपुर क्षेत्र से जुडे गोपीगंज, ऊंज और कोईरौना थाना क्षेत्र के गांवों में हुई आगलगी की घटनाओं में और भी देरी होगी। इस बदलाव को लेकर अधिवक्ता आदर्श त्रिपाठी ने जिलाधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि जनपद के बहुसंख्यक आबादी के दृष्टिगत फायर सर्विस की स्थापना या तो जिला मुख्यालय ज्ञानपुर में किया जाए या फिर गोपीगंज या कोइरौना में से किसी भी स्थान पर कर दिया जाए। ताकि दैवी आपदाओं से जन धन की क्षति को होने से रोकने में सहायता मिल सके। क्योकि ज्ञानपुर से लेकर कोनिया क्षेत्र के गांव मुशीलाटपुर की अपेक्षा गोपीगंज या ज्ञानपुर से अधिक नजदीक है।

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