जिन प्रखंडों में टीबी की कम जांच हुई है, वहां पर जांच का दायरा बढ़ाया जाए : जिलाधिकारी

- जिलाधिकारी को अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई जिला टीबी फोरम की बैठक

- जिलाधिकारी ने निजी अस्पतालों व एक्स-रे संचालकों की नियमित मॉनिटरिंग करने का दिया निर्देश

बक्सर ।। जिले में टीबी उन्मूलन अभियान को गति देने के उद्देश्य से सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट के जिलाधिकारी कक्ष में जिला टीबी फोरम कमिटी की बैठक आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी अमन समीर ने की। बैठक में जिलाधिकारी ने टीबी जांच, उपचार, जागरूकता अभियान संबंधी अन्य मुद्दों की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में उन्होंने पाया कि टीबी जांच की गति काफी कम है। जिसको लेकर उन्होंने जिले के तीन प्रखंडों चक्की, केसठ और नवानगर में जांच अभियान तेज करते हुए जांच का दायरा बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, पीएचसी स्तर जांच के लक्ष्य को बढ़ाने के लिए टीबी उन्मूलन के विभागीय एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) की कॉपी सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को उपलब्ध कराई जाए। जिससे सभी पीएचसी स्तर पर अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी टीबी की जांच के लिए आने वाले मरीजों की उचित जांच व प्रमार्श दे सकें। मौके पर एसीएमओ डॉ. अनिल भट्ट, पूर्व जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. नरेश कुमार, रेड क्रॉस के सचिव श्रवण तिवारी, साबित खिदमत फाउंडेशन के डॉ. दिलशाद आलम, ज्ञान विज्ञान समिति के सचिव डॉ. सत्य प्रकाश, इटाढ़ी जिला परिषद मु. अरमान मलिक, सीफार के जिला समन्वयक अमित सिंह, टीबी के ठीक हो चुके मरीज करण रावत, शिवजी साह समेत टीबी कमिटी के अन्य सदस्य शामिल रहें। 

निजी अस्पतालों व एक्स-रे को कराएं पंजी उपलब्ध :

जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा, डुमराव में टीबी के एक्टिव केस कम है। जिसको लेकर अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक को अविलंब लैब टेक्नीशियन को जांच सही करने, एसटीएस को सक्सेस रेट बढ़ाने तथा मरीजों को उचित इलाज हेतु चिकित्सक को उचित निर्देश जारी करें। उन्होंने ओपीडी से पांच प्रतिशत मरीजों को चिन्हित कर इलाज एवं जांच का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के सभी पीएचसी व निजी अस्पतालों में टीबी मरीजों के लिए अलग से पंजी बनवाई जाए। जिसमें टीबी जांच को आए मरीज का नंबर और टीबी की पुष्टि हो चुके मरीजों की पूरी जानकारी रहे। जिससे पता चल सके कि प्रतिमाह टीबी के कितने मरीज आ रहे हैं। साथ ही, निजी अस्पतालों के साथ जिले के सभी एक्स-रे संचालक को एक फॉर्मेट दिया जाए, जिसमें टीबी के चिन्हित मरीज की जानकारी भरी जा सके। इन फॉर्मेट अद्यतन स्थिति की जानकारी प्रति सप्ताह लेनी है। जिससे पता चल सके की टीबी के कितने मरीज अभी मौजूद हैं, जिनका इलाज शुरू नहीं हो सका है। 

निक्षय योजना की दी जानकारी:  

एसीएमओ डॉ. अनिल भट्ट ने जिलाधिकारी को बताया, निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को इलाज के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह की मदद मिलती है। यह राशि सीधे मरीज के बैंक खाते में जाती है। इसका इस्तेमाल अच्छे पोषण के लिए करना है। वहीं टीबी जागरूकता अभियान में पंचायत प्रतिनिधियों की भी मदद ली जायेगी। प्रखंड तथा पंचायत स्तर पर प्रमुख एवं मुखिया सहित पंचायत सदस्य के साथ झुग्गी झोपड़ी ईंटभट्टा पर काम करने वाले एवं घुमंतू समुदाय के लोगों के बीच टीबी जागरूकता के लिए बैठक किया जाना है। बैठक के दौरान प्रखंडों तथा पंचायत के भीड़भाड़ वाली जगहों पर होर्डिंग, फ्लैक्स, पोस्टर निक्षय पोषण प्रोत्साहन राशि का लगाने का निर्णय लिया गया। साथ ही, मिडिया के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जायेगा।

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