प्रदेश के सभी जिलों के एमडीआर टीबी मरीजों के इलाज की व्यवस्था
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Aug 09, 2022
- 221 views
-एमडीआर टीबी के गंभीर मरीजों को ही एनडीआर टीबी सेंटर में रेफर करने का निर्देश
-जिलों से मरीजों को रेफर करने से एनडीआर टीबी सेंटर में बढ़ती भीड़ को देख उठाया गया कदम
पटना ।। राज्य सरकार द्वारा जिलों में डीडीआर टीबी सेंटर पर मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के मरीजों के इलाज में उदासीनता बरते जाने की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। जिलों के अपर उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा , संचारी रोग (यक्ष्मा) को (पीएमडीटी ) 2021 के गाइडलाइन के अनुरूप डीडीआर टीबी सेंटर पर ही मरीजों का इलाज करने का निर्देश दिया गया है। एमडीआर टीबी के गंभीर मरीजों को ही एनडीआर टीबी सेंटर में रेफर करने को कहा गया है।
स्वास्थ्यकर्मी किये गए प्रशिक्षित:
स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (यक्ष्मा) डॉ बी के मिश्रा के अनुसार एमडीआर टीबी के मरीजों के इलाज में बेडाक्यूलिन या डेलामानिड दवा आधारित रेजीमिन शुरू करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए सभी जिले के अपर उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा, संचारी रोग एवं डीआर टीबी कॉर्डिनेटर और एसटीएस को पीएमडीटी 2021 का प्रशिक्षण दिया गया। ताकि, पीएमडीटी 2021 गाइडलाइन के अनुरूप एमडीआर टीबी के मरीजों का इलाज डीडीआर टीबी सेंटर पर किया जा सके। सेंटर के वरीय चिकित्सक द्वारा इलाज नहीं कर पाने वाले गंभीर या जटिल मरीजों को ही एनडीआर टीबी सेंटर में रेफर किया जा सकता है। ऐसे मरीजों को तत्काल रेफर किया जाना चाहिए।
अधिक भीड़ उपचार में बाधक:
डॉ. मिश्रा ने कहा कि डीडीआर टीबी सेंटर से एमडीआर टीबी के मरीजों को रेफर करने से एनडीआर टीबी सेंटर में अधिक भीड़ हो जाने से मरीजों का इलाज सही ढंग से नहीं हो पाता है। साथ ही मरीजों को घर से सेंटर तक आने जाने में परेशानी भी होती है। जिन जिले के चिकित्सा पदाधिकारी, अपर उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, संचारी रोग ( यक्ष्मा ) का नाम पीएमडीटी गाइडलाइन का प्रशिक्षण लेने के लिए मांगा गया है। उन्होंने कहा कि 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। एमडीआर टीबी मरीजों के लिए इलाज को और आसान बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
रिपोर्टर