शहरी क्षेत्र के स्लम इलाके के लोगों तक परिवार नियोजन का साधन पहुंचाना आवश्यक : डॉ राय

शहरी क्षेत्र के स्लम बस्तियों के लोगों तक परिवार नियोजन के साधन को पहुंचाने विषय पर कार्यशाला का आयोजन 

-पीएसआई, इंडिया के कार्यक्रम द चैलेंज इनिसिएटिव के तहत आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सकों ने दिए सुझाव 

पटना ।। परिवार नियोजन की प्रक्रिया बहुत ही सरल और सुलभ की  गयी  है। इसके बावजूद लोग इसका लाभ अपेक्षित तरीके से नहीं उठा पा रहे हैं। शहरी क्षेत्र के स्लम बस्तियों में स्थिति बेहद ही चिंताजनक है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ के के राय ने शनिवार को पीएसआई, इंडिया की तरफ से आयोजित कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र के स्लम बस्तियों के गरीब तबके और वंचित लोगों तक परिवार नियोजन के साधन को पहुंचाना जरूरी है। समय समय पर आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कर्मियों का उन बस्तियों में बैठक भी कर परिवार नियोजन से होने वाले फायदे भी बताना चाहिए। सिविल सर्जन ने कहा कि आने वाले दिनों में पीएसआई द्वारा शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन कार्यक्रम को मजबूती देने के लिए तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा| कार्यशाला का आयोजन पटना जिला अंतर्गत शहरी क्षेत्र में शहरी स्वास्थ्य और शहरी परिवार कल्याण के सुदृढीकरण के लिए पीएसआई, इंडिया के कार्यक्रम द चैलेंज इनिसिएटिव के तहत किया गया।  

शहरी क्षेत्र के स्लम बस्तियों के लोगों तक परिवार नियोजन के साधन को पहुंचाने विषय पर कार्यशाला का आयोजन :

राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, जिला स्वास्थ्य समिति एवं पीएसआई के तकनीकी सहयोग से शहरी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया| कार्यशाला का उद्देश्य सभी शहरी स्वास्थ्य सहभागियों को एक मंच पर लाकर शहरी आबादी के निचले पायदान तक स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए व्यापक विचार विर्मश कर एक समावेशी शहरी स्वास्थ्य योजना की रूपरेखा तैयार करना था| कार्यशाला का शुभारंभ जिला सिविल सर्जन डॉ. के.के.राय, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. मोहम्मद सज्जाद द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित  कर किया गया|  

परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता हुई सुलभ:       

इस अवसर पर राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सज्जाद ने कहा कि परिवार नियोजन सेवाएं सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध हैं।  स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन के लिए लोगों को स्थायी व अस्थायी विकल्प की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही , जो जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध हैं। इसकी जानकारी देने के लिए नियमित आशा, एएनएम आदि उपस्थित रहती हैं। परिवार नियोजन के स्थायी साधनों में नसबंदी और बंध्याकरण शामिल हैं। किसी भी अस्पताल से लाभ उठा सकते हैं। महिला बंध्याकरण की तुलना में पुरुष नसबंदी ज्यादा आसान और सुलभ है। जिसका लोग आसानी से लाभ उठा सकते हैं। अस्थायी साधन में अंतरा इंजेक्शन, कॉपर-टी, छाया, माला-एन, इजी पिल्स आदि का उपयोग कर सकते हैं। सरकार द्वारा अंतरा इंजेक्शन लगाने पर लाभार्थी को 100 रुपये और उत्प्रेरक को भी 100 रुपये दिए जाने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षों में बिहार की जनसंख्या दर में कमी आई है, मगर अभी भी राष्ट्रीय औसत से अधिक है। लोगों के सहयोग से ही जनसंख्या दर को कम किया जा सकता है। इस अवसर पर पीएसआई के मनीष सक्सेना, विवेक मालवीय आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मीनाक्षी ने कार्यशाला का संचालन किया|

इस अवसर पर पीएसआई से विवेक मालवीय, मनीष सक्सेना, ज्योति कुमारी, मीनाक्षी दीक्षित सहित कई विभागों के कर्मी एवं अधिकारी मौजूद थे|

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