बिहार के प्रत्येक वार्ड मे लगा नलजल नवनिर्वाचित वार्ड सदस्यों के लिए बना सिरदर्द

 नल जल योजना का खेल नही पड़ रहा किसी के पल्ले  

राजीव कुमार पांडेय की रिपोर्ट

रामगढ़।। नव निर्वाचित वार्ड सदस्यों का हालत बहुत ही बुरा है। सरकार के गलत नीतियों,विभागीय अधिकारियों,कर्मियों के द्वारा समय के मुताबिक कोई एक्शन न लेना यह कार्य भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने,मिलीभगत को प्रेरित करने जैसा है। बिहार मे लगा नलजल वर्तमान समय में नव निर्वाचित वार्ड सदस्यों के लिए सिर दर्द बना हुआ है।

प्राप्त जानकारी एवं दिख रहे अनुभवों के अनुसार नए वार्ड सदस्य को पूर्व के वार्ड सदस्यों द्वारा अधिकारियों,मुखिया से मिल किए गए गलत कार्यों का प्रतिफल देखने को मिल रहा है।साथ ही सरकार की नीतियों,आदेशों का क्या कहना लगता है कि लोग एसी मे बैठ नीतियों का निर्धारण करते हैं।जनसमस्याओं से अवगत होने का अनुभव प्राप्त करने का समय नही मिलता। सरकार के नीतियों के कारण ही आज नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य अपने को नल जल ऑपरेटर की भूमिका मे ही खुश दिखते हैं।आज वार्ड सदस्य वार्ड सदस्य न रहकर प्रतिदिन वार्ड वासियों से गाली सुनने वाला, नल जल समस्याओं को लेकर विभाग का चक्कर काटने वाला प्राणी बन गया है।सरकार और अधिकारियों का क्या बिगड़ रहा है। परेशान तो जनता और उसी जनता के द्वारा चुनित नव निर्वाचित वार्ड सदस्य हैं। समझिए समस्याएं कितनी विकराल हैं आज मै कैमूर जिला के रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत सिसौड़ा ग्राम पंचायत के वार्ड 2 की नल जल समस्याओं से अवगत कराता हूं।आज से लगभग दो वर्ष से ऊपर सभी वार्ड मे नल जल के तर्ज पर इस वार्ड मे भी नलजल टंकी का निर्माण हुआ।कार्य कैसा हुआ है यह जांच का विषय है। 

सबसे पहले तो मैं नल जल टंकी के लाभुकों की संख्या बता दूं साथ ही सरकार का इसको लेकर क्या आदेश है उसको भी समझते हैं। 

सरकार द्वारा यह नियम है कि जिस वार्ड मे नल जल लग रहा है उस वार्ड मे लाभुकों की संख्या कम से कम 150से 200घर होने चाहिए लेकिन पूर्व वार्ड सदस्य द्वारा 100घरों को जोड़ा गया।यह धरातलीय सच्चाई है।हो सकता है कागज मे एक ही घर से दो तीन सदस्यों का आधार लेकर संख्या को पूरा कर दिया गया हो।जुड़े 100घरों में से केवल 60घरों मे ही नियमित पानी की पहुंच है वह भी सुबह चार घंटे से ऊपर और शाम को भी चार घंटे के ऊपर पानी टंकी मोटर का संचालन करने के बाद।

वार्ड सदस्या निशा देवी का कहना है कि  आज तक मुझे पूर्व वार्ड सदस्य के द्वारा लिखित प्रभार नही सौंपा गया है इसका कारण फरवरी 2022 तक नलजल का बिजली विपत्र का लगभग 32हजार के ऊपर का पूर्व वार्ड सदस्या चिंता देवी का कार्यकाल का बिजली बिल का बकाया होना है।मैं उनसे लिखित में उनके कार्यकाल का बिजली बिल का बकाया होने संबंधित चाहती हूं ताकि मुझे भविष्य मे किसी तरह का कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।  ऐसा भी नही है कि वार्ड वासियों से पूर्व के वार्ड सदस्या द्वारा पानी शुल्क की वसूली न की गई हो सभी लोगों से पानी का 30रुपया की वसूली की गई है लेकिन बिजली बिल नही भरा गया है।यह भी जांच का विषय है मेरे द्वारा दो बार इस संबंध मे रामगढ़ पंचायती राज पदाधिकारी,और प्रखंड विकास पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर मार्च मे ही सूचित करने का काम किया गया लेकिन इस गबन की अभी तक जांच नही की गई। ना ही लिखित प्रभार दिलवाया गया।

ऐसा समस्या बिहार के 40%के ऊपर के वार्डों मे मिलेगा।

बिजली विभाग ने सरकार (पंचायती राज विभाग)को जब अपनी बकाया राशि के बारे मे अवगत कराया तो विभाग ने 2400मेंटेनेंस की राशि को बिजली बिल मे देने का आदेश पत्र निकाल दिया।

मेंटेनेंस राशि का बिजली बिल मे जाने से वार्ड का लगभग 60%से ऊपर लोगों का टोंटी नही है। पानी का  दुरुपयोग होने से 20 घरों मे पानी की पहुंच नही हो पा रही है।

सबसे बड़ी समस्या बिजली बिल का अधिक आना है:- 2 जुलाई 2022को  नव निर्वाचित वार्ड सदस्या द्वारा प्राप्त 24000राशि को बिजली बिल मे जमा करने का कार्य किया गया।24000की राशि जमा करने के बाद 9839रुपए 39पैसा 11बजे सुबह तक बिजली बिल था।आज दिनांक 14अगस्त सुबह 8बजे तक बिजली बिल 17719 रुपए हो गया है।यानी 44दिन का बिजली बिल 7880 रुपया हुआ है। पैसा का वसूली 60घर के लोगों द्वारा किया जाता है। जो 1800रुपए हुआ वह भी नियमित रूप से सभी लोगों द्वारा प्राप्त नही हो पाता।नलजल संचालन के लिए चालक भी रखे गए हैं।जो 1000से ऊपर की राशि वसूली मे से अपने लिए रख लेते हैं।

ऐसा भी नही है कि नव निर्वाचित वार्ड सदस्य निशा देवी द्वारा बिजली संबंधित शिकायत रामगढ़ रामगढ़ सहायक विद्युत अभियंता से न की हो।

दिनांक 1अगस्त 2022को यह शिकायत दर्ज कराई गई है।लेकिन आज तक विभाग के द्वारा कोई भी एक्शन नही लिया गया है।

वार्ड सदस्या निशा देवी का इस संबंध मे कहना है कि वाह रे सरकार की नीतियां जब तीन का मोटर खेत पटवन मे प्रयुक्त होता है तो उसका फिक्स बिल 24घंटे इस्तेमाल होने के बावजूद 1000रुपए के अंदर आता है।और यह क्या हमलोग इससे कमाई करने का कार्य करते हैं कि इसका बिल महीने मे 5000से ऊपर आ रहा है।क्या हमलोग घर का खेत बेच कर बिजली बिल जमा करेंगे।बिजली बिल कहां से जमा करेंगे।जनता तो 30रुपए दे रही है उसको तो पानी चाहिए ही सरकार के निर्देशानुसार एक दिन मे 6घंटा मोटर का संचालन करना है। जो हो रहा है।मेरे यहां का सिस्टम बहुत बुरा है पानी को पहुंचाने के उद्देश्य से आधा घर को एक बार फिर बाद के घंटों मे आधे घर को पानी पहुंचाने का कार्य होता है अगर एक साथ पानी छोड़ा जाता है तो लगभग 30घरों मे समय से पानी नही पहुंच पाता। इस कारण से और नल जल टंकी संचालन की अपेक्षा दूना का समय देना पड़ता है।लेकिन कुल समय प्रतिदिन 7घंटे के अंदर ही रहता है। 

इस तरह की समस्या पर सरकार,बिजली विभाग के साथ साथ पंचायती राज विभाग को भी इस विषय मे सोंचकर एक नया निर्देश जारी करना होगा ।अगर ऐसा नहीं होता है तो खुद मै निशा देवी अपने पद का त्याग कर दूंगी।

रिपोर्टर

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