भिवंडी मनपा क्षेत्र अंर्तगत अवैध इमारतो की संख्या में वृद्धि‌

भिवंडी।। भिवंडी शहर महानगर पालिका क्षेत्र के पाँचों प्रभाग समितियों में अवैध इमारतें बनना बदस्तूर जारी है। निर्माणाधीन अवैध इमारतों पर प्रभाग के प्रभारी सहायक आयुक्तों द्वारा कार्रवाई नहीं होने से भूमाफिया व झोलाछाप बिल्डर अब बिना प्लान तथा इंजिनियर के ही पांच से सात मंजिला इमारत बनाकर मात्र कुछ महीने में खड़ी कर देते है। इस प्रकार से बनी इमारतें कभी भी हादसे के शिकार हो सकती है। पालिका के प्रभाग समिति क्रमाक एक के क्षेत्र में लगभग 60-70 अवैध इमारतें निमार्णधीन है। इसी तरह प्रभाग समिति दो, तीन, चार और पांच में भी अवैध निर्माण से अछूते नहीं है। इन क्षेत्रों में भी दर्जनों की संख्या में अवैध निर्माणकार्य शुरू है। ताजुब के बात यह है कि पालिका के प्रभाग समितियों में लिपिकों को प्रभारी सहायक आयुक्त बना देने से ऐसे निर्माण पर अंकुश नहीं लग रहा है। ऐसे कर्मचारी स्थानीय निवासी होने के कारण बिल्डरो व भूमाफिया से इनकी अच्छी जान पहचान होती है। पालिका प्रशासन की कमान प्रशासक व आयुक्त विजय कुमार म्हसाल के हाथों में जाने से शहर में अवैध इमारतों की संख्या में तेजी हुई हैं।

सुत्रों की माने तो पांचों प्रभाग समितियों में लगभग 150 अवैध इमारतों का निर्माण कार्य शुरू है। प्रभाग समिति क्रमांक एक अंर्तगत सबसे ज्यादा अवैध इमारतें का निर्माण कार्य शुरू है। इस प्रभाग के शहर विकास विभाग द्वारा ऐसे इमारतों पर जानबूझकर कार्रवाई नहीं की जाती है। बल्कि प्रभाग में दर्जन भर वसूली कर्मचारी बीट निरीक्षक के रूप में नियुक्ति है। सुत्रों की माने तो यहां का सिपाही व रोड़ कामगार भी बिल्डरों से वसूली का काम करता है। जिसके कारण भूमाफिया व बिल्डरो का प्रभाग कार्यालय में अधिकारियों द्वारा जमकर मेहमानबाजी की जाती रही है। शिकायत कर्ताओं को पुलिस प्रशासन का भय दिखाकर और शासन के नियम बताकर अधिकारियों द्वारा निर्माणाधीन अवैध इमारतों की ना तो जानकारी दी जाती है और ना ही शिकायत करने पर कार्रवाई।  यहां के नागांव, चौहान कालोनी, म्हाडा कालोनी, बाला कंपाउड, फातमा नगर, गुलजार नगर, चविद्रा, सलामतपुरा आदि क्षेत्रों में लगभग तीन से चार दर्जन अवैध इमारतें निर्माणाधीन अवस्था में है। कुछ इमारतें पांच से सात मंजिला का बांधकाम पूरा हो चुका है तो कुछ इमारतों के प्लिंथ का काम शुरू है। किन्तु बन रही इमारतों पर किसी प्रकार से ना तो डीपीएल फोलो किया है और ना ही कार्रवाई। 

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