छल- कपट युक्त हृदय वाला व्यक्ति भगवान राम को किसी भी कीमत पर प्रिय नहीं- रमाशंकर मिश्र

सुईथाकला ।। विकासखंड क्षेत्र के जय बजरंग रामलीला समिति पिपरौल मिसिरपुर कोटिया  में अंतिम दिन 'विभीषण शरणागति' का सुंदर मंचन किया गया। समिति के संस्थापक रमाशंकर मिश्र ने कहा कि भगवान श्रीराम को निर्मल और निश्छल मन वाले व्यक्ति ही सबसे अधिक प्रिय हैं। जिनके हृदय में छल कपट भरा होता है वह व्यक्ति भगवान को बिल्कुल प्रिय नहीं होता है।उन्होंने  बताया कि रावण जैसा प्रकांड विद्वान किसी युग में धरती पर जन्म नहीं लिया किंतु जब मानवता और समाज की मर्यादा  को कोई भी पार कर जाता है तो उसका पतन सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि माता सीता के प्रति रावण की अनैतिक, अमानवीय अमर्यादित व्यवहार और विभीषण का अनादर ही उसके विनाश का मुख्य कारण बना। उन्होंने बताया कि किसी के अंदर चाहे अनगिनत अवगुण हो लेकिन यदि निर्मल भाव से भगवान की शरण में जाता है तो भगवान उसके अवगुणों को  भुलाकर गले लगाते हैं। भगवान का ह्रदय अत्यंत विशाल होता है जिसकी गहराई की थाह साधारण मनुष्य के बस की बात नहीं है। चाहे शत्रु भी हो यदि उनकी शरण में आता है तो वह बैर भाव भूल कर शरणागत की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस सोने की लंका को लंकेश रावण ने  दस शीश काटकर प्राप्त किया था उसी लंका को भगवान ने विभीषण को ऐसे ही दे दिया। उन्होंने कहा कि भगवान के चरित्र संपूर्ण समाज के लिए अनुकरणीय है जिससे समाज का उत्थान होगा। 

 मौके पर समिति के अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा, डायरेक्टर प्रो. हरिश्चंद्र यादव छपरा विश्वविद्यालय बिहार, उपाध्यक्ष विवेक सिंह, प्रबंधक जनार्दन मिश्र, संगठन मंत्री प्रमोद यादव, कोषाध्यक्ष अमित कुमार मिश्र, उप कोषाध्यक्ष जयशंकर मिश्र(राजा ), पूर्व प्रधान बम बहादुर सिंह, आदर्श कुमार मिश्र, रमाशंकर यादव, उमाशंकर यादव, रामयश यादव सहित क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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