पूर्णाहुति व भंडारा के साथ दस दिवसीय मां कामाख्या शक्तिपीठ महायज्ञ हुई संपन्न

संवाददाता -: अमित कुमार गुप्ता


नुआंव, कैमूर ।। नुआंव प्रखंड क्षेत्र के सातो अवंती में मां कामाख्या मंदिर में दस दिवसीय महायज्ञ का हुआ समापन। महायज्ञ में मगंलवार को पूर्णाहुति व भंडारा के साथ संपन्न हुआ। इस महायज्ञ में कई गांव कस्बों से श्रद्धालुओं की हजारों की संख्या में भिड़ उमड़ पड़ी। इस क्रम में श्रद्धालुओं द्वारा मां कामाख्या मंदिर में हवन के साथ-साथ विधि विधान से श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना किए। वहीं पिछले रविवार को पुंडरीक महाराज कथावाचक में उन्होंने कहा कि यज्ञ सभी के लिए प्रेरणादायक है। धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन से व्यक्ति का जीवन अनुशासित होता है, यज्ञ में आकर मुझे भी मुझे भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ।  वहीं इस मां कामाख्या मंदिर प्रांगण में 25000 हजार श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रुप में पूड़ी, सब्जी, चटनी, बुंदिया प्रसाद ग्रहण किए। मगंलवार को सुबह ग्यारह बजे से रात्रि दस बजे तक कई गांव से आए श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण किए। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भावसागर से पार हो जाता है। कथावाचक ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किए। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्व सार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान को लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। वहीं कथा समापन के बाद मां के मंदिर में विधि विधान से पूजा संपन्न कराई गई। वहीं इस महायज्ञ के मेलें में श्रद्धालुओं की हजारों की संख्या में भीड़ देखी गई। वहीं इस मेला ग्राउंड में ड्रेगन, ब्रेक डांस, ड्रोलर झूला, चर्खिया जैसे विभिन्न प्रकार के बच्चों को उत्साहित करने वाले बच्चें मनोरंजन कर रहे थे। वहीं इस महायज्ञ के आयोजक डॉ दिनेश उपाध्याय, जजमान संतोष सिंह पत्नी विनीता सिंह, महेंद्र सिंह, मुटून मुखिया, बबुआ जी, राकेश जी, सतेंद्र जी, बजरंगी जी, मां कामाख्या मंदिर के प्रांगण में व्यवस्थापक मौजुद थे।

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