धर्म निवास में रह रहे थे बांग्लादेशी पुलिस ने माणकोली परिसर से दबोचा 4,156 रूपये भारतीय मुद्रा बरामद

भिवंडी।। भिवंडी शहर पॉवर लूम उद्योग एवं गोदाम परिक्षेत्र होने के कारण यहां पर प्रवासी मजदूरों की संख्या अधिक है। इन्हीं मजदूरों के बीच दूसरे देश के नागरिक भी छिपकर मजदूरी करते है। हलांकि ऐसे नागरिकों पर पुलिस सदैव धरपकड़ करती रही है। इसी क्रम में गोदाम बाहुल्य माणकोली इलाके में अबैध तरीके से रह रहे तीन बांग्लादेशी घुसपैठियों को नारपोली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जो अवैध तरीके से बिना जरूरी दस्तावेज के चोरी छुपे आकर कोनगांव के माऊली अपार्टमेंट, 27/3 धर्मनिवास रह रहे थे। इधर डीसीपी नवनाथ ढवले ने कहा कि बंगलादेशियो की धरपकड़ आगे भी जारी रहेगा।भिवंडी के नारपोली पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मदन बल्लाल को गुप्त सूचना मिली की दापोडा रोड़  स्थित मानकोली के गोदामों में तीन बांग्लादेशी नागरिक काम करते है। उक्त सूचना के बाद पुलिस उपायुक्त नवनाथ ढवले व नारपोली पुलिस थाना के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मदन बल्लाल के मार्गदर्शन में पुलिस टीम ने कल बुधवार को सवा सात बजे के दरमियान इंडियन कंपाउंड गेट के पास,मानकोली परिसर में जाल बिछाकर तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया। जिनका नाम सोहेल इमाम शेख (20),असिफ समसुद शेख ( 21) और तरीकूल अबू ताबेल मंडल ( 42) है। पुलिस द्वारा पूछताछ पर पता चला कि उक्त तीनों कई सालो से कोनगांव के माऊली अपार्टमेंट, रूम नंबर 27/3 ,धर्म निवास में रह रहे है। पुलिस नाईक सुनिल दिलीप शिंदे की शिकायत पर नारपोली पुलिस ने गुनाह क्रमांक 414/23 में पासपोर्ट अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। गिरफ्तार तीनों बांग्लादेशी युवक कलकत्ता से ट्रेन द्वारा कल्याण होते हुए भिवंडी में दलालों की मदद से आए थे।पुलिस को प्रथम दृष्टया जांच में पता चला है कि चारो बांग्लादेशी बिना भारत का अधिकृत पासपोर्ट व बीजा लिए भारत या बांग्लादेश का वीजा लिए दलालों की मदद से पैसा कमाने के उद्देश्य से यहां आए थे। गिरफ्तार बांग्लादेशी युवक के पास कोई भी आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद नही हुआ है। पुलिस ने इनके पास से 4,156 रूपये भारतीय मुद्रा बरामद किया है।बतादें कि इससे पहले भोईवाड़ा पुलिस ने स्थानीय गौरी पाड़ा इलाके से चार तथा नारपोली पुलिस के दापोड़ा परिसर से चार कुल 8 बांग्लादेशियो को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि सूत्रों का कहना है कि भिवंडी में अभी भी बड़े तादात में बांग्लादेशी रहते है जो नाम बदलकर शहर के मोती कारखानों व गोदामों में काम करते है।


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