बिस्कोमान प्रबंधक द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां

जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भुषण तिवारी की रिपोर्ट


कैमूर ।। जिला के किसानों का आरोप किसानों की उर्वरक की सहायक बिस्कोमान प्रबंधक द्वारा खुलेआम उड़ाई जा रही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धज्जियां, जबरदस्ती दिया जा रहा नैनो यूरिया साथ ही खरीददारी से संबंधित प्रपत्र देने से भी किया जा रहा इनकार। संबंध में कैमूर किसान संगठन के संस्थापक सदस्य विकास कुमार सिंह के द्वारा बताया गया कि हमारे साथ ही अन्य किसानों द्वारा बिस्कोमान सेंटर दुर्गावती (भेरियां) उर्वरक लेने के लिए पहुंचने पर किसानों को जबरदस्ती नैनो लिक्विड यूरिया दिया जा रहा था, विकास सिंह के साथ ही अन्य किसानों द्वारा नैनो यूरिया लेने से मना किया गया। तो बिस्कोमान के कर्मचारी अभिजित सिंह द्वारा अपने मोबाइल से  बिस्कोमान के  आरओ आनंद कुमार से बात कराया गया। उनके द्वारा कहा गया कि आप लोग  बार बार नेतागिरी करने आ जाते हैं, और हमारी व्यवस्था को बिगाड़ रहे हैं। यदि इतनी समस्या है तो आप लोग हमारे केंद्र से खाद मत लिजिए, दुर्गावती बिस्कोमान केंद्र भेरियां से हटवा दुंगा।आप लोग छुटपुटिया नेता बन रहे हैं। आप लोगों ने पूर्व में भी कम्पलेन किया था क्या हुआ। लिक्विड नैनो यूरिया से बिस्कोमान को फायदा है, और जिस प्रोडक्ट के बिक्री से बिस्कोमान को फायदा है उसे बिक्री किया ही जाएगा। क्या किसान कल्याणकारी संस्था के नाम पर चलने वाले बिस्कोमान के पदाधिकारी इस तरह से बात करते हैं इनमें जरा सा भी नैतिकता नहीं है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून के अनुसार बिना उपभोक्ता की मर्जी के कोई भी उत्पाद जबरदस्ती देना, किसी खरीदी हुई वस्तु का कोई खरीदारी का रसीद न देना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत बड़ा अपराध है। बिस्कोमान कर्मचारीयों का कहना है उर्वरक लेना है तो नैनो लिक्विड यूरिया लेना पड़ेगा, यह ब्लैकमेलिंग अपराध है जो बिस्कोमान जैसी किसान कल्याणकारी संस्था कर रही है। जबरजस्ती एक दो बोतल पकड़ा देना तो किसानों की जेब पर डाका डालने जैसा  है। जब संवाददाता द्वारा इस संदर्भ में दूरभाष के माध्यम से जिला कृषि पदाधिकारी से बात किया गया तो उनके द्वारा कहा गया कि मामला हमारे संज्ञान में नहीं है आगे जांच करवा लेता हूं। जब संवाददाता द्वारा बिस्कोमान के आरओ आनंद कुमार से दूरभाष के माध्यम से बात किया तो उनके द्वारा अपनी बचाव करते हुए यह कहा गया कि आरोप निराधार है और हमारे द्वारा किसी को भी कोई सामग्री जबरदस्ती नहीं दिया जा रहा है। जबकि जिला के सभी बिस्कोमान केंद्रों पर किसानों के साथ यही रवैया अपनाया जा रहा है। जोकि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के खुलेआम धज्जियां उड़ाने के साथ ही किसानों पर अत्याचार है।

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