
शेलार गांव की डाइंग कंपनियां उगल रही है जहर
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Jul 30, 2023
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ग्राम पंचायत से लेकर शासन के अधिकारी है खामोश
भिवंडी।। भिवंडी शहर से सटे शेलार ग्राम पंचायत में लगभग एक दर्जन से ज्यादा अवैध रूप से डाइंग संचालित है। इन कंपनियों का जहरीला धुआं जहां वातावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। वही पर कंपनी मालिक कलर व केमिकल युक्त पानी सीधे कामवारी नदी में छोड़ रहे है। जिसके कारण बड़े पैमाने पर नदी का पानी दूषित व जहरीला होने से असंख्य मछलियों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण कंटोल बोर्ड कल्याण विभाग में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों को इसकी जानकारी होने के बावजूद ऐसी कंपनियों पर ना तो कार्रवाई जाती है और ना ही इन्हें बंद करवाया जाता है।इसी परिसर के अनेक नागरिकों ने ऐसी डाइंग कंपनियों को बंद करने के लिए कई बार राज्य के पर्यावरण मंत्रालय से लेकर प्रदूषण नियंत्रण मंडल कल्याण व सायन विभाग को ज्ञायन देकर कर मांग कर चुके है। इसके बावजूद शासन के अधिकारियों ने इन कंपनी मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते है।
बतादें कि इसी परिसर में मीट पाडा व शेलार के मध्य में लगभग एक दर्जन से ज्यादा अवैध रूप से डाइंग कंपनियां चलाई जाती है। इन कंपनियों में कच्चे कपड़े को पक्का करने, काजी करने तथा कलर करने के लिए बड़े पैमाने पर अति खतरनाक रसायन व केमिकल्स का प्रयोग किया जाता है। कंपनियों के बॉयलर मशीन से निकले रसायन व कलर युक्त पानी सीधे ग्राम पंचायत के छोटी नालियों में छोड़ दिया जाता है और यह छोटी नालियां बड़े नाले में जुड़कर सीधे गंदा पानी को कामवारी नदी में जाकर गिरा देती है। जिसके कारण बड़े पैमाने पर जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है वही पर नदी के किनारे खेती व मछलियों को नुकसान पहुंचा रहा है। इन कंपनी मालिकों मे केमिकल युक्त पानी को शुद्धीकरण करने के लिए किसी प्रकार का उपाय योजना नहीं किया है।
पानी की कालबाजारी :
शेलार ग्राम पंचायत अंर्तगत कपड़ा डाइंग कंपनियों को कलर करने के लिए बड़े पैमाने पर पानी की जरूरत पड़ती है। इस क्षेत्र में कई पानी माफिया सक्रिय है जो अपने भंगार टैंकरों से पानी का दोहन कर इन कंपनी मालिकों को बिक्री करते रहे है। हालांकि देर शाम से यह अवैध धंधा शुरू होता है जो सुबह तक जारी रहता है। टैंकरों की खस्ताहाल दशा होने के कारण लगातार पानी नीचे सड़क पर गिरता रहता है। जिसके कारण कई बार वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो चुके है। वही पर परोल रोड़ पर जाम की समस्या बनी रहती है। भिवंडी तालुका पुलिस ऐसे टैकर मालिकों के विरूद्ध कार्रवाई नही करती है। जिसके कारण बिना लाइसेंस व बिना कागज़ पत्र की लगभग दो दर्जन से ज्यादा टैंकर सिर्फ इसी परिसर में चलाऐ जाते है।
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