भिवंडी में बाॅयरल ब्लास्ट का खतरा

◾डाइंग व साइजिग कंपनियों में लगे है बाॅयरल

◾भिवंडी पालिका का पर्यावरण विभाग बेखबर

◾केवल NOC जारी कर झेली भर रहे है भष्ट्र अधिकारी

◾पर्यावरण विभाग में प्रदूषण नियंत्रण के रिटायर टेक्निकल अधिकारियों की नियुक्ति की मांग 

भिवंडी।। भिवंडी पालिका क्षेत्र अंर्तगत डोंबिवली बाॅयलर ब्लाट जैसे खतरा मंडरा रहा है। यहां की साइजिग डाइंग कंपनियों में बाॅयरल लगे है। अधिकांश कंपनियां रहिवासी परिसर में संचालित है। ऐसी कंपनियों में बाॅयरल ब्लाट होने पर भारी संख्या में जनहानि होने से इनकार नहीं किया जा सकता। पालिका के भष्ट्र अधिकारी इन कंपनियों को केवल NOC देंकर भष्ट्राचार कर अपनी झोली भरने में लगे है।

बतादें कि 24 मई गुरुवार को डोबिवली के बाॅयरल ब्लास्ट में अब तक 11 लोगों की मृत्यु हो चुकी है वही 64 लोग जख्मी हुए है। इसी तरह भिवंडी पालिका परिसीमा अंर्तगत संचालित अधिकांश डाइंग, साइजिग व कैमिकल कंपनियों में शासन के बाॅयरल इंस्पेक्टर अथवा संबंधित विभाग से किसी प्रकार की अनुमति ना लेते हुए देशी तरीके से बाॅयरल लगाऐ गये है। बाॅयरल की देखभाल के लिए ऐसी कंपनियों में कोई यंत्रणा मौजूद ना होने से कभी भी डोबिवली जैसा धमाका भिवंडी में होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। जिसके कारण बड़ी संख्या में जनहानि हो सकती है। पालिका के मौजूदा पर्यावरण विभाग में लैब और बाॅयरल इंस्पेक्टर ना होने के बाद भी ऐसी कंपनियों को दनादन NOC जारी कर रही है और यह खेल निरंतर जारी भी है।पर्यावरण विभाग प्राइवेट कर्मचारियों के भरोसे पर संचालित है। जिनका ड्यूटी प्रदूषण वायु मापन केन्द्रों पर होनी चाहिए वही इस विभाग में अधिकारी व कर्मचारी बने बैठे है। टेक्निकल पदों पर पालिका खुद क्लर्क श्रेणी के कर्मचारियों को प्रभारी चार्ज देकर अधिकारी बनाया है। शहर में डाइंग साइजिग कंपनियों में बाॅयरल की संख्या 150 के पार है। जिनमें डोबिवली जैसे बाॅयरल ब्लास्ट की‌ घटना की पुनरावृत्ति हो सकती है। शहर के दक्ष नागरिकों ने पर्यावरण विभाग में प्रदूषण निडोबिवली  के रिटायर टेक्निकल अधिकारियों की नियुक्ति की मांग के साथ साथ ऐसे कंपनियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

रिपोर्टर

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