संध्या निःशुल्क पाठशाला का शुभारंभ
- आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ बिहार
- May 26, 2024
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प्रोत्साहन में बच्चों को कॉपी कलम और फुटबॉल दिए गए
जिला संवाददाता दिनेश तिवारी की रिपोर्ट
रोहतास--- : तिलौथू अमझोर प्रखंड का सबसे पिछड़ा इलाका, जहां जनप्रतिनिधि तो दूर, उनके विकास का एक कदम भी जाना नागवार समझता है। जब जब चुनाव आता है, नेताओं के एजेंट उनके द्वारा तक जाते हैं, लालच देने, पैसा देने और वोट ख़रीदने। पर गरीबी क्या ना करा दे। वह भी बिक जाते हैं। उनको पता है कि अगले 5 साल तक ये वापस नहीं आने वाला है। इसलिए जो लेना है अभी ही ले लो। हमारी हालत दिन पर दिन बदलती जा रही है, बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं, युवा बच्चे पढ़ाई छोड़ो काम करने में लग गए हैं क्योंकि रोजी-रोटी भी जरूरी है। साल में दो-चार बार इनके टोले पर सामाजिक कार्यकर्ता पहुंचते हैं। उनमें सत्यानंद कुमार और उनके टीम की अहम भूमिका होती है। आज पुनः सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा टोला के सभी बच्चों के बीच कॉपी कलम का वितरण किया गया। वहीं दो फुटबॉल उन्हें खेलने के लिए दिए गए। ताकि वे खेल कूद के माध्यम से शारीरिक विकास भी करते रहें। बच्चों से बात करने के क्रम में पता चला कि बच्चे नशा का शिकार हो चुके हैं। कोई गुटका, पान मसाला, सिगरेट और ताड़ी का भी सेवन करते हैं। ऐसे सभी बच्चों को नशा से दूर रहने का सलाह दिया गया। जो बच्चे स्कूल जाते हैं उन्हें ही पाठशाला में पढ़ाने की जिम्मेवारी दी गई है, ताकि वे खुद भी पढ़े और स्वावलंबी बने।
रवि, राजू, रौशन ,उमेश, बबलू, मिथलेश, पंकज, प्रकाश, मनीष, बहादुर, मोहित जैसे दर्जनों बच्चों ने पढ़ाई छोड़ मजदूरी का रास्ता पकड़ लिया है। इनके लिए पहला काम पैसा कमाना ही है, ताकि उनका परिवार भरपेट भोजन कर सकें। बच्चों को संबोधित करते हुए सत्यानंद कुमार ने बताया कि शरीर के लिए जितना भोजन की जरूरत है, उससे कहीं ज्यादा समाज में चलने के लिए, शिक्षा की आवश्यकता है। जब हम शिक्षित होंगे, तो हमें अपने अधिकार का पता चलेगा और हम समाज में एक जिम्मेवार नागरिक बनकर आगे बढ़ेंगे। टीम एसके द्वारा चौथी नि:शुल्क पाठशाला का शुभारंभ कर दिया गया है। जहां संध्या 5 से 6 बजे तक सभी बच्चे टोला के ही सीनियर बच्चों से शिक्षा ग्रहण करेंगे और प्रत्येक सप्ताह बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री का वितरण सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा की जाएगी। नंदलाल गुप्ता, प्रिंस कुमार, अमरजीत कुमार, सुनील कुमार गुप्ता व डॉ बुसरा अंजुम का सहयोग प्राप्त हुआ।
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