
2 पुनि 4 पुअनि कुल छः बने नये थानाध्यक्ष
- सुनील कुमार, जिला ब्यूरो चीफ रोहतास
- Dec 30, 2024
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रोहतास। जिला आरक्षी अधीक्षक विनय कुमार ने दो पुलिस निरीक्षक एवं चार पुलिस अवर निरीक्षक को थानाध्यक्ष की नई जिम्मेदारी सौंपी है। जिसमें पुलिस निरीक्षक राकेश गोसाईं को शिवसागर थाना से थानाध्यक्ष मुफस्सिल डेहरी के थानाध्यक्ष, पुलिस निरीक्षक रितेश कुमार को अंचल निरीक्षक अमझोर से थानाध्यक्ष शिवसागर, पुलिस अवर निरीक्षक विघाभूषण को थानाध्यक्ष डिहरी से थानाध्यक्ष तिलौथू के पद पर, पुलिस अवर निरीक्षक विश्वजीत को थानाध्यक्ष बड्डी से थानाध्यक्ष बडहरी के पद पर, पुलिस अवर निरीक्षक रामवृक्ष को सासाराम नगर थाना से थानाध्यक्ष बड्डी के पद पर, एवं फरारी शराबियों से संबंध रखने वाली नटवार थाना के अपर थानाध्यक्ष नेहा कुमारी को नटवार थाना से पदस्थापना कर थानाध्यक्ष दरिहट के पद पर स्थांतरित किया गया है। नेहा कुमारी शिवसागर थाना में जब तैनात थी तो वहां भी इनके द्वारा किए गए कार्यों के जबरदस्त विरोध वहां के लोगों ने किया था।जब नटवार थाना में अपर थानाध्यक्ष के पद पर आसीन हुई।तब इन्होंने वर्दी के आड में ढेर सारे गलत कार्य की है। जिसमें घर से मिले काफी संख्या में शराब बोतलें में मात्र तीन चार बोतल ही दिखाकर एफआईआर में दर्ज किया गया। जबकि घर में रहने वाली महिला एवं पुरुष को ले जाकर महिला द्वारा झूठे प्राथमिकी दर्ज करने के बाद छोड़ दिया। नटवार थाना काण्ड संख्या 100/23 में शराब व्यवसाई को बचाने का भरपूर प्रयास इस पुलिस अधिकारी ने किया। घर से शराब मिलने पर सभी कारोबारी के नाम दर्ज करने है। लेकिन इस पुलिस अधिकारी ने वैसा नहीं किया।उस महिला को थाना लाकर महिला द्वारा झूठे केस में दो व्यक्तियों को फंसाकर छोड दिया गया।जबकि कोचस एवं करगहर थाना के लूट एवं हत्या के फरारी के पत्नी के नाम से झूठे काण्ड 79/23 अनुमंडल पदाधिकारी विक्रमगंज के न्यायालय में दो अच्छा इंसान को फंसाकर भेजी है। जिसमें बिना स्थल जांच किए हुए। झूठे काण्ड पैसे लेकर दर्ज किया है। सोलह माह बीतने के बावजूद फरारी के पत्नी को अनुमंडल पदाधिकारी विक्रमगंज के न्यायालय में इनके द्वारा नहीं पहुंचाया गया। जबकि कोर्ट से बहुत बार वारंट रिमाइंडर नटवार थाना को भेजा गया है। इसके बावजूद भी कोर्ट में उपस्थित नहीं कराया गया है।इस तरह इन्होंने फरारी एवं शराबियों से मिलकर अकूत संपत्ति बनाई है। जिसका गिफ्ट पुलिस अधीक्षक द्वारा इनको दिया गया है। क्यों नहीं जब यातायात डीएसपी निजी हाते में जाकर जब गोलियां चलाते हैं तो इस पुलिस अधिकारी को झूठे काण्ड दर्ज करने के एवज में प्रमोशन क्यों नहीं मिलेगा।
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