
मुंबई पहुंचे भदोही के सियासी युवा शेर डॉ. अजय शुक्ला गणपति दरबार में टेका मत्था
- Rohit R. Shukla, Journalist
- Aug 25, 2025
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कल्याण । भदोही की राजनीति में ज्ञानपुर विधानसभा सीट का महत्व हमेशा से अलग रहा है और इसी सीट से जुड़े वारिसदार कहे जाने वाले पूर्व छात्र नेता तथा भाजपा के कट्टर कार्यकर्ता डॉ. अजय शुक्ला इन दिनों मुंबई प्रवास पर हैं। मुंबई पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले टिटवाला स्थित प्रसिद्ध गणपति बप्पा मंदिर में मत्था टेका और आशीर्वाद लिया।
डॉ. अजय शुक्ला का नाम भदोही जिले की राजनीति में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। छात्र राजनीति से सक्रिय होकर उन्होंने आगे चलकर जिला पंचायत सदस्य के रूप में अपनी पहचान बनाई। भाजपा संगठन में उनकी सक्रियता और संघर्षशील छवि ने उन्हें भदोही की जनता के बीच अलग स्थान दिया है। ज्ञानपुर विधानसभा सीट पर उन्होंने कई बार मजबूत दावेदारी की और इसके चलते उन्हें बड़े संघर्षों का सामना भी करना पड़ा। भदोही की राजनीति में यदि किसी ने बाहुबली विजय मिश्रा के खिलाफ खुलकर और लगातार मोर्चा संभाला है तो वह सिर्फ डॉ. अजय शुक्ला ही हैं। चुनावी मैदान हो या जनसंपर्क का मोर्चा, शुक्ला ने हर स्तर पर विजय मिश्रा के वर्चस्व को चुनौती दी। यही कारण है कि जिले की जनता के बीच उनकी छवि एक निडर और संघर्षशील युवा नेता की बन चुकी है।
स्थानीय राजनीति तक सीमित न रहकर डॉ. शुक्ला ने राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पैठ बनाई है। भाजपा गठबंधन ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों की सरकारों के दिग्गज नेताओं से भी उन्हें विशेष स्नेह और सहयोग प्राप्त रहा है। यही वजह है कि राष्ट्रीय राजनीति के गलियारों में भी उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। मुंबई प्रवास के दौरान डॉ. शुक्ला यहां कई भव्य और ऐतिहासिक मंदिरों में दर्शन करेंगे। खास बात यह है कि भले ही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें सुरक्षा व्यवस्था न मिली हो, मगर महाराष्ट्र सरकार के प्रोटोकॉल और सुरक्षा कवच में उनकी मौजूदगी ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को हवा दे दी है।भदोही की जनता उनके इस प्रवास को केवल धार्मिक यात्रा मानकर नहीं देख रही है, बल्कि इसे आने वाले समय की बड़ी राजनीतिक रणनीति से भी जोड़ रही है। जहां भाजपा का युवा वर्ग उन्हें जिले का उभरता हुआ चेहरा मानता है, वहीं विरोधियों में उनकी सक्रियता से बेचैनी बढ़ती दिख रही है। कुल मिलाकर डॉ. अजय शुक्ला का यह दौरा सिर्फ पूजन और दर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य की राजनीति के गहरे संकेत भी समेटे हुए है।
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