बेजुबान जानवरों से सीखे प्यार की भाषा, व्यक्ति को इन जानवरों से सिख लेना चाहिए

इमिलिया चट्टी-मीर्ज़ापुर ।। आज के दौर  में एक इन्सान एक दुसरे इन्सान से जलन द्वेष की भावना को पाल रखा है तथा धर्म जाति के आधार पर   हिंसा व मारने काटने के लिए दौड़ मे शामील हो  रहा हैं। कभी छोटी जाति के नाम पर कभी उची जाति धर्म के नाम पर और देश व भक्ति के नाम पर आपस मे लड़ने के लिये तैयार रहता  है। हमारा देश स्वतन्त्र हो गया हैं लेकीन आज हम सभी लोग गुलामी की जिंदगिया जी रहे हैं। आज के समय में देखा जाये तो हम सब लोंगो से अच्छा जीवन इन जानवरों का हैं। जहा एक जंगल का जानवर और कहा एक गाँव का जानवर एक पेड़ पर चड़ कर पत्ता तोर तोर कर नीचे गिरा रहा हैं ताकि  इस गाँव की जानवर अपनी भूख मिटा सके। हम सभी को इस बे जुबान जानवर से सिखना चाहिए जो आपस में प्यार बाट रहे है और आज व्यक्ति के पास जुबान हैं और दुनिया के सबसे बुद्धिमान माने जाते हैं लेकीन आपस में जाति धर्म के नाम हमेशा लड़ते रहते हैं आज हम सभी को इस बे जुबान जानवरों से सिख लेना चाहिए।

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