विवाह सबसे बड़ा सामाजिक उत्सव है- राजेश्वरी जी

सोनभद्र ।। चोपन नगर में आयोजित श्रीराम कथा में शुक्रवार को रामकथा वाचिका देवी राज राजेश्वरी ने कहा कि भारतीय अनुष्ठानों में सबसे विशद और वृहद अनुष्ठान विवाह का होता है। विवाह सबसे बड़ा सामाजिक उत्सव है। राम चरित मानस में गोस्वामी तुलसी दास जी ने श्रीसीता राम जी के विवाह महोत्सव को बड़ी सरलता से एवं वैदिक और लौकिक परम्पराओं को समन्वय पूर्वक प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि हमारे सीता राम जी का होना आस्था का और विश्वास का होना है। विवाह दो आत्माओं का पवित्र बंधन है। स्त्री और पुरुष दोनों में परमात्मा ने कुूछ विशेषताए और कुछ अपूर्णताएं दे रखी है। एक दूसरे को अपनी योग्यताओं और भावनाओं का लाभ पहुंचाते हुये गाड़ी में लगे दो पहिये की तरह प्रगतिपथ पर अग्रसर होते जाना विवाह विवाह का उदेश्य है। उन्होंने कहा कि वासना का दाम्पत्य जीवन में अत्यंत तुच्छ और गौण स्थान है। दोनों आत्माओं के मिलने से उत्पन्न होने वाली उस महती शक्ति का निर्माण करना है जो दोनों लौकिक एवं आध्यात्मिक जीवन के विकास में सहायक सिद्ध हो। यह सीताराम जी ने अपने दाम्पत्य जीवन से हमें शिक्षा दी है। देवी राज राजेश्वरी ने कहा कि दाम्पत्य जीवन जब पवित्र होगा तभी संतान भी पवित्र एवं संस्कारित होगी। सनातन संस्कृति में विवाह कभी न टूटने वाला एक परम पवित्र धर्मिक संस्कार है ।

कथा की अंत मे बड़े ही धूम धाम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एवं मा जानकी का विवाह संपन्न हुआ जिसमें गाजे बाजे के साथ नाचते झूमते श्रद्धालुओं ने जमकर जय श्री राम के उद्घोष किये। इस मौके पर यजमान के रूप में प्रदीप अग्रवाल सपत्नीक प्रभु राम के विवाह में शामिल हुये। कथा के दौरान समिति के अध्यक्ष जे. एम. मिश्रा, विनोद कुमार, उमेश सिंह, एस एन मौर्या, के एन सिंह,व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जैन, सत्यप्रकास तिवारी, सुनिल सिंह, शब्बीर खान, महेंद्र केशरी, आर के राम, बी के डी दिवेदी, अभय कुमार, सनोज कुमार, संजय चेतन, राजेश अग्रहरी सहीत भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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