विश्वकर्मा जयंती तथा प्रधानमंत्री जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं

उदय प्रताप श्रीवास्तव संवाददाता करौंदी कलाॅ


मोदी और प्रभु  विश्वकर्मा के  लिए  कुछ  इस  प्रकार  -               

विश्वकर्मा और मोदी जी को       

 मेरा  चरण  स्पर्श  है , जीवन   में   

 आगे  बढ़े  यही हमारी  सोच  है  ,               

जनम  दिन ऐसे  आये  ;               

जब विश्कर्मा  पूजा  आये ,             

जैसे पूजा कर्मा  की हो ;                 

 वैसे  मोदी जी को हो ,                           

 देश हो या विदेश हो :                   

  सब में  इनके  ही चर्चे  ,                 

 घुटने  टेके  पाकिस्तान  ;                     

सुनकर इनके चर्चे ,                             

घर में भी बाहर में भी  ;             

दुसमन  इनके नाम  से डरते    ,         

चोर  अगर घुसना  चाहे  भी ;               

इनके नाम  से डर के भागे  ,             

नियम ऐसे  समय  बनाते  ;             

 कानो  कान खबर न पाते,                     

बाते  ऐसे करते है   ;                 

जिससे जीत  गया है  ट्रम्प ,             

मन में बहुत सी  बाते है ;                   

 पर  रुक  जाता  मन है ,               

 विश्व  गुरु  आप बनेगे        ;             

 तो विश्व में झंडे  लहरायेंगे   ,       

 जनम दिन पर बधाई  हो ,           

यही हमारी  सोच है ,                   

राम  मंदिर  को आगे   लाओ     ,     

यही हमारी मांग  है ........................             

     इसका  आशय यह है कि 17 सितंबर के दिन सृष्टि निर्माता भगवान विश्वकर्मा तथा भारत देश नव निर्माता नरेंद्र मोदी जी को कहा जाता है। इस कविता में संपूर्ण संसार तथा भारत के नवीनीकरण का उल्लेख किया गया है और विश्वकर्मा भगवान से निर्मित सभी सजीव प्राणी तथा आश्चर्यचकित कर देने वाले नगर से है।

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