फर्जी शिक्षक भर्ती प्रकरण, एसटीएफ ने बाबू से किया पूछताछ

देवरिया। जिले में फर्जी शिक्षक भर्ती प्रकरण की जांच कर रही एसटीएफ टीम ने बीएसए कार्यालय में तैनात नियुक्ति पटल बाबू से फिर से पूछताछ की है। चार दिन पूर्व आई टीम के सदस्यों ने चर्चित बाबू सहित वित्त व लेखा अनुभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से भी कुछ और अभिलेख व सूचनाएं मांगी है। बीच में एसटीएफ जांच मामले को ठंडा पड़ते यहां तक चर्चा होने लगी थी कि यह मामला अब मैनेज हो गया है। टीम के फिर से आने के बाद से जांच में तेजी आने की उम्मीद बढ़ गई है।

शिक्षक भर्ती प्रकरण में बड़ा फर्जीवाड़ा होने की शिकायतों के बाद देवरिया जनपद पहले से ही शासन की रडार पर है। जब से एसटीएफ इस मामले की जांच कर रही है, उसके निशाने पर लगातार कार्यालय के बाबू है। बीते 18 जुलाई की रात में एसटीएफ ने शहर से सटे दानोपुर से फर्जीवाड़े के सरगना अश्वनी कुमार श्रीवास्तव और मुक्तिनाथ को गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ में एजेंसी को जिले में शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े के संबंध में कई अहम जानकारियां मिली। दोनों ने वर्ष 2010 के बाद से हुई भर्त्तियों के समय नियुक्ति और वेरीफिकेशन पटल देख रहे दो चर्चित बाबू जो पहले से ही जांच एजेंसी के केंद्र में थे, फजीवाड़े में इनका अहम योगदान होना बताया था। इसी मामले में चार दिन पहले भी जांच एजेंसी ने आकर एक बाबू व लेखा अनुभाग से कुछ शिक्षकों के पैनकार्ड व आधार नंबर में हेरफेर किए जाने के संबंध में जानकारी इकट्ठा की। हालांकि इस संबंध में कार्यालय में कोई भी कुछ बताने से हिचकिचाता रहा। वित्त व लेखाधिकारी जगदीश श्रीवास्तव ने बताया कि जांच टीम जो भी जानकारी मांगेगी, उसे उपलब्ध कराया जाएगा। एसटीएफ गोरखपुर के प्रभारी सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि जांच एजेंसी के कुछ दिन पहले बीएसए कार्यालय गई थी, उस दिन बीएसए से मुलाकात नहीं हो पाई। टीम के सदस्यों ने एक  बाबू व लेखा अनुभाग से जांच केंद्र में आए कुछ शिक्षकों के प्रमाण पत्रों व आधार व पैनकार्ड के जानकारी मांगी है। फजीवाड़े की जांच चल रही है। अलग-अलग यूनिवर्सिटी के प्रमाण पत्र होने से इनके सत्यापन में समय लग रहा है।

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