छात्र-छात्राओं ने किया मौन वाचन तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मनाई गई जयंती


समोधपुर /रुधौली /सरपतहां

 श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर जौनपुर के प्रांगण में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती मनाई गई । प्रधानाचार्य एवं जिला मुख्यायुक्त डॉ०रणजीत सिंह ने नेताजी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया इसी क्रम में विनोद सिंह ,पं0 शीतला प्रसाद उपाध्याय, सुभाष चंद्र तिवारी, राम बक्स सिंह आदि ने नेताजी की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए । इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि सुभाष चंद्र बोस एक विलक्षण प्रतिभा के धनी कुशल नेतृत्व देने वाले सेनापति तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे । उन्होंने 85000 जवानों के साथ 1943 में आजाद हिंद फौज का गठन किया। पिता की इच्छा के अनुरूप आई सी एस की परीक्षा में सफल हुए 1 वर्ष सेवा करने के उपरांत उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। इनके अंदर उत्कट देश भक्ति के भाव को देखते हुए इनके पिता ने इनका मनोबल बढ़ाते हुए कहा  " जब तुमने देश सेवा का व्रत ले ही लिया है तो कभी इस पथ से विचलित मत होना" पिता की इस बात को सिद्ध करने के लिए वे देश की स्वतंत्रता संग्राम में कूद गए 1938 में कांग्रेश अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बावजूद उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया । जापान एवं जर्मनी के सहयोग से आजाद हिंद फौज की सहायता से देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्षशील रहे। 16 अगस्त 1945 में हवाई जहाज की दुर्घटना में उनका पता नहीं चला । नेता जी ने कई नारे दिए दिल्ली चलो,, जय हिंद,, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा । हमें उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सदा प्रेरणा लेनी चाहिए ।


आज शासन की मंशा के अनुरूप विद्यालय में अध्यापकों ,छात्र ,छात्राओं ने  45 मिनट तक पुस्तकों का मौन वाचन किया । आज हम इलेक्ट्रिक मीडिया के प्रभाव में आकर पुस्तकों का साथ छोड़ कर जा रहे हैं । ऐसी दशा में पुस्तकों को पढ़ना ,छात्रों, छात्राओं को पढ़ने के लिए प्रेरित करना एक अच्छी पहल है।

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