भिवंडी ग्रामीण व शहरी भाग में दर्जनों आर्केस्ट्रा बार जिस्म फरोसी व गुनाह गारों का बना पनाहगार

भिवंडी ।। ठाणे शहर से सटे भिवंडी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लगभग 23 ऑर्केस्ट्रा बार चल रहे हैं इन ऑर्केस्ट्रा बारों में जहां रात 2 बजे तक खुलकर नोट उड़ाया जाता हैं वही पर बार बालाऔ से जिस्म फरोसी का भी धंधा बार मालिको द्वारा करवाया जाता हैं.इसके साथ ही आर्केस्ट्रा बार गुनाह गारों की पनाहगार स्थली भी हैं. इन आर्केस्ट्रा बारों में 90 प्रतिशत कामगार व बार बालाऐ बंगलादेशी होती है.जो फर्जी आईडी बनवाकर गैर कानूनी तरह से भारत में रहती हैं ।
        सुत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बार मालिकों ने अपने आर्केस्ट्रा बारों में तीन से चार महिला सिंगर कामगार का नाम संबधित पुलिस स्टेशन में रजिस्टर करवाते हैं. किन्तु एक आर्केस्ट्रा बार में दर्जनों महिलाएं सिंगर के रूप में अश्लील नृत्य करते हुए देखी जा सकती हैं.वही काई नाबालिग युवतियों भी ऐसे बारों में दिखाई पड़ती हैं.पुलिस सब जानकर भी अनजान बनी रहती हैं.आर्केस्ट्रा बारों में अश्लील गानों पर नृत्य करने वाली बार बालाऔ पर ग्राहकों द्वारा जमकर 10 व 20 रुपये के नोट उड़ाया जाता हैं.सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अपमान करने वालों आर्केस्ट्रा बार मालिकों पर पुलिसियां कार्रवाई भी नही होती हैं.बार मालिकों द्वारा आर्केस्ट्रा बारों में गुंडे प्रवृत्ति के लोगों को पालकर रखा जाता हैं ।
         
भिवंडी पुलिस परिमंडल -2 अंर्तगत लगभग 23 आर्केस्ट्रा बार हैं.जो भिवंडी महानगर पालिका क्षेत्र में 4 व मुंबई - नासिक महामार्ग, कल्याण - भिवंडी मार्ग तथा गोदाम क्षेत्रों में 19 डांस बार  संचालित हैं इसके साथ ही भिवंडी मनपा द्वारा अतिधोकायक घोषित जर्जर इमारतों में 2 डांस बार चल रहे है.जिसमें मुख्य रूप से लैला, देवदास, पारो, किनारा, सिंगर, लवली, बॉम्बे पैलेस, नाईट लव्हर्स, सपना, अप्सरा, ड्रीम लव्हर्स, सम्राट, सुकुर, शिल्पा, सिल्वर पैलेस, इन्जोय, डब्लूडब्लूएफ,आशीर्वाद, सिरोज, संगीत आदि का समावेश हैं ।
       
रात्रि को रंगीन बनाने वाले इन ऑर्केस्ट्रा बारों में खुलकर प्रशासन के मिलीभगत कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का मजाक उड़ाया जाता हैं, आय्याशी के लिए आऐ ग्राहकों द्वारा अश्लील नृत्य करने वाली बार बालाऔ पर जमकर पैसा उड़ाया जाता हैं जिसके कारण आऐ दिन ऑर्केस्ट्रा बारों में मारपीट , गैंगवार , फायर होने की घटनाएं आम बात हैं. इन ऑर्केस्ट्रा बारों पर स्थानीय पुलिस का संरक्षण होने के कारण इस प्रकार की घटनाएं उजागर नहीं होती हैं ।
         
 वर्ष 2014 में तत्कालीन गृह मंत्री ने डांस बार पर पाबंदी लगा थी इसके साथ डांस बारों में बने गुप्त कमरों को नष्ट्र करने का आदेश भी जारी किया था.जिसके कारण शासन व प्रशासन ने काई डांस बारों में बने गुप्त कमरों को ध्वस्त किया था किन्तु डांस बार मालिकों तथा शासन के बीच लंबी लड़ाई चली.जिसके कारण सर्वोच्च न्यायालय ने ऑर्केस्ट्रा बार पुनः चलाने का निर्णय दिया ।
       
 "डांस बारों पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए तत्कालीन महाराष्ट्र की फणनवीस सरकार से कहा था कि नया कानून संवैधानिक दायरे में आने के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है.
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि डांसर को अलग से टिप नहीं दी जा सकती है और ना ही डांसर पर पैसे उछाले जा सकते है.वही पर डांस बार रात के 11.30 बजे तक ही खुले रहेंगें.इसके साथ ही डांस बार में अश्लीलता नहीं होनी चाहिए."
     
किन्तु भिवंडी के हाइवे ,शहरी , ग्रामीण व गोदाम परिसर में अवैध रूप से पुनः एक बार फिर से डांस बार मालिकों द्वारा कानून का मजाक उडाते हुए डांस बार चलाया जा रहा हैं. वही पर नियमानुसार तय की गयी बार बालाऔ की सख्या से अधिक बार बालाऔ से अश्लील नृत्य करवाया जाता हैं.इसके साथ ही काई डांस बार मालिकों ने डांस बारों में ही वापस छोटे छोटे कमरें बनाया गया हैं जिस पर कार्रवाई करने की मांग वापस उठने लगी हैं।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट