गेहूं कटाई के बाद अवशेष को न जलाए व गेहू बेचने हेतु क्रय व रसद विभाग में रजिस्ट्रेशन कराये - जिलाधिकारी

देवरिया ।। जिलाधिकारी अमित किशोर ने बताया है कि इस समय गेहू की कटाई की शुरुआत हो चुकी है। श्रमिको की कमी एवं समय की बचत  के कारण हार्वेस्टर कम्बाइन से गेहू की कटाई अधिक मात्रा में हो रही है, जिससे काफी अधिक मात्रा में फसल अवशेष खेत मे ही रह जाते हैं, जिसे बाद में कृषक जला देतें है। फसल अवशेष जलाना बहुत ही नुक़सान दायक होता है, फसल अवशेष जलाने से खेत में उपस्थित लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते है, खेत मे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, वायु प्रदूषण बढ़ता है तथा फसल अवशेषों में पाये जाने वाले पोषक पदार्थ का भी नुकसान होता है । इसलिए गेहू काटने के पश्चात फसल अवशेष को जलाये न बल्कि उसे पहली वर्षा होते ही जुताई करके खेत मे मिला दे, जिससे खेत मे पोषक तत्वों की बृद्धि होगी एवं अन्य कोई नुकसान नहीं होगा । यदि सम्भव हो तो गेंहू अवशेष का भूसा बनवा ले। जो पशुओं को खिलाने के काम आएगा एवं जो कृषक मशरूम उत्पादन करते है तो भूसे को कम्पोस्ट के लिए प्रयोग करे। इस प्रकार किसान भाई तकनीकी का प्रयोग करके अपनी आय को दुगुना कर सकते है। 

 जिलाधिकारी ने बताया कि गेहूं की कटाई प्रदेश में तेजी से हो रही हैं। कटाई के बाद उसकी खरीद के लिए सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। देशव्यापी लॉकडाउन में कृषकों को खेती-बाड़ी से जुड़ी कोई असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान दे रही है। सरकार 15 अप्रैल से 5500 खरीद केंद्रों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद शुरू करेगी।  किसान भाइयों को खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर  रजिस्ट्रेशन करना होगा। क्योंकि खरीद केवल उन्हीं किसानों की होगी जिनका ऑनलाईन पंजीकरण हुआ रहेगा। पंजीकरण के लिए भूमि विवरण के साथ खसरा-खतौनी, खसरा संख्या और जमीन का रकबा और गेहूं का रकबा बताना होगा। चूंकि खरीद का पैसा किसान के खाते में जाएगा इसलिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक और राजस्व अभिलेख (खेत) संबंधी सही जानकारी भरें।

जिलाधिकारी ने कोविड 19 के संक्रमण से बचाव हेतु कृषकों को अवगत कराया है कि खेत पर कृषि कार्य पर जाने से पहले चेहरे पर गमछा अथवा मास्क का प्रयोग अवश्य करें।   कृषि कार्य में कार्य करते समय सामाजिक दूरी  अवश्य बनाए,1 से 2 मीटर की दूरी पर ही कार्य करें। किसान भाई हर एक से दो घंटों पर साबुन से हाथ अवश्य धोएं। काम करते समय हाथ को नाक, कान, मुंह, चेहरे पर हाथ ना ले जाएं। आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करे |

उप कृषि निदेशक डा० ए०के० मिश्र ने इसी क्रम में बताया है कि आम की अच्छी फसल लेने के लिए किसान भाई इस समय आम के बागों में सबसे बड़ी समस्या भुनगा कीट द्वारा प्रस्तुत की जा रही है। यह कीट  न सिर्फ आम के नन्हें फलों और नई कोमल पत्तियों का रस चूँस कर उनको क्षति कर रहा है, वल्कि हनी ड्यू  (लासी) पैदा करके काली फफूंदी भी पैदा कर रहा है। इन  समस्याओं के प्रबंधन हेतु थायमेथोकजाम 1 ग्राम प्रति 3 लीटर के साथ कार्बेंडाज़िम 1 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव कर सकते हैं। कुछ भागों में गुजिया कीट भी काफी सक्रिय हैं। इसके लिए कार्बोसल्फान या डाईमेथोएट 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के साथ प्रयोग करें। यदि तीनों कीट एक साथ समस्या बन रहे हों तो डाईमेथोएट ठीक रहेगी।

 डा० मिश्र ने बताया है कि विगत में हुई वर्षा से इस बार अभी तक आम की फसल थ्रिप्स महामारी से बची हुई है। वर्षा की नमी अब लगभग खत्म हो रही है, अतः अब किसान भाई सिचाई भी करें। इससे फलों की उत्तम बृद्धि होगी और झड़ना कम रहेगा। यही समय है जब उर्वरकों का छिड़काव फलों और पत्तियों की अच्छी बृद्धि करेगा। अतः एन पी के 19, 19, 19 के 5 ग्राम के साथ 3 से 5 ग्राम शूक्ष्म पोषक तत्व मिश्रण प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें। ध्यान रखे कि 2 से अधिक रसायन एक साथ मिलाकर न छिड़काव करें ।

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