जौनपुर: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दिए पैसे को वापस लेने पर विधायकों ने दी ये सफाई

जौनपुर. कोरोना महामारी से जंग में वापस की गई राशि को वापस लेने की खबर का जौनपुर के विधायकों ने खंडन किया है. उनका कहना है कि मीडिया रिपोर्ट्स में इस खबर को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया. उनका कहना है कि विधायक निधि एक साल तक स्थगित होने के बाद क्षेत्र में विकास कार्य जारी रखने के लिए पूर्व में दी गई राशि को निरस्त करवाया गया है.दरअसल कुछ अख़बारों में यह खबर छपी थी कि जौनपुर के कुछ विधायकों ने कोरोना फंड के लिए दान की गई राशि की वापस ले लिया है. अब सभी का कहना है कि उन्होंने एक साल की विधायक निधि रुकने पर अपने क्षेत्र में जरुरी कार्यों के लिए पूर्व में दान की गई राशि को निरस्त करने के लिए कहा है.केराकत विधायक ने कही ये बात केराकत से बीजेपी विधायक दिनेश चौधरी नेअख़बारों व सोशल मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के बाद एक वीडियो सन्देश जारी कर इसका खंडन किया. उन्होंने कहा कि वे इस महामारी से लड़ाई के लिए आगे भी अपनी विधायक निधि का दान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अगर चाहे तो वह उनके विधायक निधि का इस्तेमाल इस जंग में आगे भी कर सकती है. लेकिन मीडिया में इस खबर को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया. उन्होंने कहा कि विधायक निधि के सस्पेंसन व 30 सैलरी कटौती के आदेश से पहले उन्होंने 10 लाख रुपए डोनेट किये थे. लेकिन जब विधायक निधि को सस्पेंड कर दिया गया है तो क्षेत्र में कुछ जरुरी काम और गरीबों की मदद के लिए पूर्व में दिए गए 10 लाख रुपए को निरस्त कराने के लिए कहा. उसे वापस नहीं लिया है.बदलापुर विधायक की थी ये दलील उधर बदलापुर से विधायक रमेश चंद्र मिश्र का कहना था कि शुरुआत में सभी विधायकों ने कोरोना के रोकथाम और बचाव उपकरण खरीदने के लिए सीडीओ को पत्र लिखा. किसी ने 10 लाख तो किसी ने 25 से 30 लाख रुपए का दान किया. लेकिन मैंने नहीं दिया. मैंने पहले विधायक निधि की गाइडलाइन को पढ़ा. उसमें कहीं यह नहीं लिखा था विधायक अपनी निधि से खर्च कर सकता है. वो सिर्फ गरीबों के इलाज के लिए [पैसा दे सकता है. बाकी न व मास्क मंगवा सकता है और न ही अस्पताल में पैसा दे सकता है. क्योंकि गाइडलाइन में ऐसा है ही नहीं. मैंने इसलिए सीडीओ को पत्र लिखा ही नहीं. मैंने 24 मार्च को सबसे पहले मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा और अपनी एक साल की निधि का तीन करोड़ रूपये कोरोना से जंग के लिए उपयोग करने का आग्रह किया. इसके लिए मैंने गाइडलाइन में बदलाव करने की भी अपील की थी. साथ ही इस पैसे से बदलापुर हॉस्पिटल को हाई टेक बनाने की अपील की. उनका दावा है कि इसी पत्र के बाद राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में कोरोना स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए वर्ष 2020-21 की संपूर्ण विधायक निधि खर्च करने का निर्णय लिया गया. मेरे पत्र का जवाब भी सीएम ऑफिस से आया. इसी के दूसरे दिन विधायक निधि की गाइडलाइन में फेरबदल कर सभी विधायकों की एक साल के फंड को कोरोना की जंग में उपयोग हेतु रोक दिया गया. हम सभी विधायकों ने तीन करोड़ रुपए दिए हैं. 30 प्रतिशत सैलरी कटवाई है.

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