सुल्तानपुर में चल रहा दबंग सोनू मोनू का राज

संवाददाता उत्कर्ष श्रीवास्तव सूरज करौंदी कला

सुल्तानपुर ।। सुल्तानपुर में एक राजनैतिक दुश्मनी को  लेकर एक बार फिर से बात यहां तक चली आयी है की जो कोई राजनीति प्रमुख मोनू सिंह के खिलाफ करता है उसे अंजाम उसका गलत होता इसका जीता जागता सबूत देखने को मिला सुल्तानपुर में लोकनिर्माण विभाग में बिगत कुछ दिनों से टेंडर को लेकर विरोध करते है और टेंडर न उनके होने पर अधिशाषी अभियंता को और जिसका टेंडर खुलता है उसको विरोध झेलना पड़ता है प्रमुख प्रातेश सिंह बंटी का विरोध भी  होने लगा है जो की पुर्ब में सांसद का चुनाव था जो सोनू सिंह भी चुनाव में प्रत्यासी थे तो बंटी सिंह माँ मेनिका गाँधी जी के साथ थे  इसका विरोध भी साथ में दिख रहा है मोनू सिंह टेंडर हथियाने में असफल हुए है इसलिए जिले के प्रसाशन को  भी चुनवती दे रहे है इससे पहले भी उनका पुराना आपराधिक इतिहास रहा है अपने बाहुबल का इस्तेमाल उन्होंने जम कर किया है उसका जागता सबूत लेखपाल रामकुमार यादव की हत्या करवाया और २००६ में बंटी सिंह के पिता जी नरेंदर सिंह की भी हत्या में भी शामिल रहे और संत ज्ञानेष्वर की हत्या करवाई अपने बाहुबल का प्रयोग करके लोकसभा चुनाव में शिवकुमार सिंह को पीटा गया और अब सत्ता का विरोध भी होने लगा है कई बार दोस्तपुर प्रमुख प्रतनिधि बंटी सिंह के हत्या का प्रयास भी किया जा चूका है कुल मिला के जिले जमकर गुंडई मोनू सिंह का देखने को मिल रहा टेंडर नहीं मिलने की असफलता साफ झलक रही है देखना है की अब किसके ऊपर बौखलाहट उतरता है जो सत्ता के साथ रहता है सुल्तानपुर में उसे मोनू सिंह प्रमुख की गुंडई से  गुजरना पड़ता है।

◆माफिया का टेंडर पर वार

◆सोनू मोनू अपना बर्चस्व दिखाने के लिए प्रशासन को दी खुली चुनौती !             

◆सोनू मोनू का लम्बा रहा है आपराधिक इतिहास !

◆सांसद चुनाव में भी सांसद मेनिका गांधी को भी दिखाई थी दबंगई 

विकास को रफ्तार देने के लिए जिले में बड़े पैमाने पे टेंडर बिभिन्न विभागों से टेंडर निकलने के साथ ही इस पर कब्जा जमाने के लिए खूनी खींचतान शुरू हो गई है! वर्षों बाद जिले में करोड़ो के काम का ठेका होना है इसके लिए ठेकेदारों के अलावा माफियाओं ने भी कमर कस ली है जिले में निर्माणकार्य कर रहे ठेकेदारों व कंपनियो से रंगदारी लेना ही इनका मुख्य ब्यापार रहा है इन दोनों भाइयों का ! इससे  पहले भी मुख्यमंत्री के बहुप्रतीक्षित पूर्वांचल एक्सप्रेस से भी रंगदारी इन बाहुबली भाइयो ने मांगी थी ! आलम ये है अपराध और नेतागिरी जगत से नाता रखने वाले इन बाहुबली भाइयो का आपराधिक इतिहास भी पुराना है ! अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए ही लेखपाल राम कुमार यादव की हत्या में नामजद हुए थे लेकिन अपने लेकिन अपने राजनीतिक पहुँच एवम बाहुबल के आगे मामले आगे चल नही पाते ! लेखपाल की बेवा पत्नी के ऊपर भी कई बार जानलेवा हमला हो चुका है ! इनकी दबंगई का गवाह कूरेभार थाना भी बन चुका है जहाँ पर दबंग मोनू सिंह ने एक सिपाही को पीटा था ! संत बाबा ज्ञानेश्वर दास की हत्या में जेल भी काट चुके है । हालातये हो चुके है इनकी दंबगई के आगे पुलिस प्रशासन मौन हो जाता है और सत्ता के माननीय भी कुछ बोल नही पा रहे है।


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