मानसिक एवं शारीरिक रोग ग्रस्त समाज को पर्यावरण ही सुरक्षा देने में समर्थ :-अशोक गुप्ता.

रिपोर्ट-राम मोहन अग्निहोत्री 

 ज्ञानपुर भदोही। पर्यावरण की अनदेखी समाज को भारी पड़ सकती है।वैज्ञानिकता के दम्भ में आज हम भूल बैठे हैं कि हम जिस डाल पर बैठे हैं उसी को काट रहे हैं। पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर वरिष्ठ समाजसेवी श्री श्याम धर उपाध्याय उर्फ गोपाल उपाध्याय एवं मृत्युंजय के साथ जामुन के वृक्ष का वृक्षारोपण किया। दिनांक 10 अक्टूबर 2017 से अनवरत वृक्षारोपण कर पर्यावरण को संतुलित सुरक्षित बनाने के साथ साथ ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से सम्पूर्ण विश्व को निजात दिलाने हेतु भगीरथ प्रयास करते हुए राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक अशोक कुमार गुप्ता ने  968 वें दिन "संकल्प पर्यावरण सुरक्षा एवं संरक्षण का" के अभियान का शुभारंभ किया और कहा कि-मानसिक तथा शारीरिक रोग ग्रस्त समाज को आज समग्र रूप से स्वस्थ बनाने की क्षमता स्वच्छ पर्यावरण तथा जड़ों पर आधारित आयुर्वेद पद्धति में ही है। हिमालय के दुर्गम पहाड़ों पर ऐसे दिव्य जड़ी बूटियां आज भी पायी जाती है। पौराणिक काल में इनकी चमत्कारी शक्तियों के अनेक दृष्टांत देखे जाते हैं। यदि हम प्राचीन वैदिक ऋषियों मुनियों द्वारा बताए गए मार्गों का अनुसरण करेंगे तभी हमारा तथा हमारे पर्यावरण का अस्तित्व बच सकता है। आइए हम सब मिलकर पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प लें और अधिक से अधिक वृक्ष लगाए। जिससे जीवन की सुरक्षा और भविष्य का निर्माण हो सके.

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