चकाई - सोनो की तरक्की मेरी राजनीति का मूलाधार - सुमित सिंह

जमुई चकाई ।। जब मेरे ऊपर जनता ने जिम्मेदारी सौंपी थी तब प्रशासन जनता के द्वार पर आकर, उनकी समस्याओं का निदान निकालती थी। जिला के प्रमुख अधिकारी दो-दो दिन गांव में रह कर हर काम करवाते थे। आज प्रखंड के पदाधिकारी भी गांव की ओर रुख नहीं करते हैं। राज्य सरकार विकास के लिए निरंतर प्रयत्नशील है, लेकिन स्थानीय प्रतिनिधियों की उदासीनता एवं अपने दायित्व से पिंड छुड़ाने के रवैये के कारण विकास योजनाएं सरजमीं सही समय पर उतर नहीं पाती है। चकाई प्रखंड के दुलमपुर अंतर्गत ग्राम दुलमपुर हाट जनसंवाद कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए मैंने वहां उपस्थित जनसमूह से आग्रह किया कि बताएं यहां बिजली कब आई? अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उपरोक्त भवन कब बना? यहां के कब्रिस्तानों की घेरबंदी कब हुई? पांच साल में पांच कदम भी क्यों नहीं बढ़ा दुलमपुर? जब यह इलाका नक्सलियों की जद में था, लोग भयाक्रांत रहते थे, तब भी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षक के साथ दुलमपुर क्या पतौआ में भी जनता के द्वार पर सरकार को लाकर जनता दरबार लगाते थे। आज क्यों नहीं? इस पर विचार कीजिए, तब निर्णय कीजिए। वहां लोगों का उत्साह देखकर लग रहा कि चकाई में कुछ कमाल होने वाला है।

जदयू के चकाई प्रखंड अध्यक्ष राजीव रंजन पांडेय जी, दुलमपुर पंचायत के मुखिया दिनेश यादव जी, फरियत्ता डीह पंचायत के मुखिया राजेंद्र यादव जी, पैक्स अध्यक्ष महेंद्र साव जी, दुलमपुर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य रविंद्र साव जी, दुलमपुर पंचायत के सरपंच शहादत अली जी, पूर्व सरपंच दुलमपुर पंचायत मोहम्मद मंसूर जी, वार्ड सदस्य घनश्याम साह जी, हाजी मोहम्मद यासीन जी, वासुदेव दास जी, राधे दास जी, रविनंदन सिंह जी, धर्म देव सिंह जी, सरपंच नौवाडीह पंचायत शंभू नाथ पांडे जी, मंजूर अंसारी जी, मोहम्मद निसार जी, मोहम्मद मेराज जी, मोहम्मद रफीक जी, शंकर पासवान जी, सुखदेव मंडल जी, लंबू यादव जी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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