श्रीमद्भागवतकथा सप्ताह ज्ञानयज्ञ का आज हुआ विश्राम

भेला, समोधपुर, जौनपुर।

जौनपुर जनपद के सुइथाकला विकास खण्ड के समोधपुर और भेला गाँव के बीच बने प्राचीन श्री रामजानकी मंदिर (जिसे क्षेत्र में श्री श्री 108 बाबा रामयज्ञ दास जी महाराज की कुटी उपनाम से जाना जाता है ,) पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञानयज्ञ के विश्राम दिवस की कथा में आचार्य श्री राघव जी द्वारा भगवान श्री कृष्ण के 16108 विवाह ,श्रीकृष्ण जामवंत युद्ध, श्रीकृष्ण का शंकर जी से युद्ध, श्रीकृष्ण के विशाल वृष्णिवंश  की व्याख्या तथा  ब्रह्मज्ञानी पंडित सुदामा व उनकी पत्नी सुशीला पर श्रीकृष्ण भगवान की कृपा की मनभावनी कथा सुनकर भक्त श्रोता भावविभोर हो उठे। 


आचार्य जी की मधुर आवाज में भजनों को सुनकर श्रोता भक्तिभाव में तन्मय हो जाते। आचार्य जी ने कथा के उपसंहार  में सभी श्रोताओं से श्रीमद्भागवत महापुराण के अंतिम श्लोक का वाचन भी कराया। आज भक्त श्रोताओं की इतनी भीड़ उमड़ी थी कि कथा पंडाल के अंदर बैठे लोगों से ज्यादा भीड़ बाहर खड़ी हुई भगवत्कथा का रसपान कर रही थी।  


आयोजक मंडल के कार्यकर्ताओं द्वारा कथा के समापन  में राधाकृष्ण की बड़ी मनमोहक झाँकी प्रस्तुत की गई जिसे देखकर सभी राधाकृष्ण की जयजयकार करने लगे। कथा आयोजक आचार्य श्री सत्येंद्र मिश्रा ने सभी लोगों का सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया।


कथा कार्यक्रम के निमित्त ठाकुर फतेहबहादुर सिंह जी ने दिव्य पंडाल का सात दिनों हेतु सहयोग प्रदान किया जिसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही भेला, समोधपुर,शाहमऊ,लौंदा, मदारीपुर, बसौली व अन्य आसपास के गाँव के लोगों ने बाबा जी के दरबार में अपनी विशाल उपस्थिति दर्ज कराई। कथा के अंत में आचार्य जी ने सभी श्रोताओं का बड़ी संख्या में उपस्थिति व आयोजक मंडल द्वारा दिव्य व शांतिपूर्ण व्यवस्था बनाने हेतु आभार व्यक्त किया और कहा कि आप लोगों की भक्ति व श्रद्धा ने मुझे खुद मोह में डाल दिया है। अंत में भागवत भगवान की दिव्य आरती हुई व लोग प्रसाद लेकर नम आँखों से अपने घर को प्रस्थान किये।

रिपोर्टर

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