टोरेंट पावर कंपनी के कार्यालय में तोड़फोड़ प्रकरण : मनसे भिवंडी शहर अध्यक्ष सहित सचिव को पांच दिन की पुलिस हिरासत

भिवंडी।। भिवंडी शहर तथा ग्रामीण परिसर में बिजली की सप्लाई करने तथा बिल वसूल करने का ठेका फ्रेंचाइजी कंपनी टोरेंट पावर कंपनी को राज्य सरकार ने दे रखा है.लाॅक डाउन के दरम्यान बिजली बिल को माफ करने के लिए पिछले दिनों भिवंडी मनसे पदाधिकारियों द्वारा उग्र आंदोलन करते हुए अंजूर फाटा व चंविद्रा स्थित ग्राहक सेवा केन्द्र कार्यालयों पर लकड़ी के बैट से हमला कर कार्यालय को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था.जिसमें कंपनी को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा था.
           
टोरेंट पावर कंपनी ने नारपोली तथा शांतिनगर पुलिस स्टेशनों में 10-12 कार्यकर्ताओं के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करवाया था.भिवंडी पुलिस ने उसी समय लगभग सात मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर हवालात में भेज दिया था। किन्तु भिवंडी शहर अध्यक्ष मनोज गुलवी तथा अन्य मुख्य पदाधिकारी फरार चल रहे थे।

बतादें कि मनसे पदाधिकारियो ने लाॅक डाउन के दरम्यान बढ़े बिजली बिल माफ करने के लिए टोरेंट पावर के कार्यालयों पर "बिजली बिल माफ करा.राज ठाकरे जिंदाबाज" जैसे आदि नारेबाजी करते हुए कार्यालयों के मुख्य दरवाजे पर लगे कई कांच को तोड़ दिया था.जिसका विडियो भी सोसल मीडिया पर खुब वायरल हुआ था.इस प्रकरण में भिवंडी पुलिस ने अभी तक लगभग 17 मनसे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर चुकी है.वही पर भिवंडी शहर मनसे अध्यक्ष मनोज गुलवी तथा सचिव प्रदीप दारेकर पिछले पांच दिनों से पुलिस हिरासत में है.मनसे कार्यकर्ताओं तथा पदाधिकारियो को टोरेंट पावर का कार्यालय में तोड़ फोड़ करना महंगा पड़ चुका है इस प्रकार की चर्चा शहर में व्याप्त है।

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