चचरी पुल के सहारे यूपी-बिहार की सीमा पार करते हैं ग्रामीण

नुआंव, कैमूर से प्राची सिंह की रिपोर्ट

यूपी-बिहार की सीमा को पार करने के लिए बिहार के कारीराम गांव के कर्मनाशा नदी घाट पर एक पुल बनी है। जिसे स्थानीय ग्रामीणों की मांग पर यूपी के तत्कालीन मंत्री शिवपाल यादव ने अपने कोष से बनवाया है। जिसे बनाने का काम 2015 मे शुरू हुआ, और 2017 तक पूर्ण हो गया। लेकिन इन चार वर्षों के बाद भी पुल पर आवागमन शुरु नहीं हो सका। कारण कि पुल के इस पार अप्रोच रोड नहीं बन सका। आने-जाने वाले लोग चचरी पुल से होकर नदी पार करते हैं। जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है, और नदी पार करते समय डर लगता है। स्थानीय प्रखण्ड के कारीराम, जैतपुरा, अकोल्ही, महरथा, बड्ढा, नुआंव, एवंती समेत कई गांव के लोग रोज यूपी के दिलदारनगर बाजार आते-जाते हैं। इस क्षेत्र के अधिकांश बच्चे भी दिलदारनगर के स्कूलों में पढ़ते हैं, जिन्हें रोज आना-जाना रहता है। बरसात के मौसम में नाव, तो सर्दी के मौसम में चचरी पुल से नदी पार करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि अप्रोच रोड बनाने के लिए विभाग सहित कई जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाया गया। लेकिन सड़क निर्माण का रास्ता आजतक नहीं निकल पाया। चचरी पुल बनाने वाले नदी उस पार खजूरी गांव के ठेकेदार बद्रीनारायण चौधरी बताते हैं की यूपी सरकार द्वारा प्रति वर्ष यह घाट नीलाम किया जाता है। इस वर्ष तीन लाख रुपये में हमने ठेका लिया है। राजस्व स्वरूप पैदल पार करने वालों से पांच रुपये तथा साइकिल-मोटरसाइकिल पार करने वालों से दस रुपये लिया जाता है।

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