धिक्कार है ऐसे समाज पर, अंतिम संस्कार मे कोई नहीं पहुँचा लेकिन श्राद्धभोज पर उमड़ पडी़ भीड़़

मुंबई।।  बिहार के अररिया से एक ऐसी खबर आई है, जिसने बताया है कि हम ऐसे समाज में जी रहे हैं, जिस पर कई सवाल खड़े होते हैं। जहां मानवता का कोई आधार नहीं है। दरअसल, हाल ही में एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें एक लड़की पीपीई किट पहनकर अपनी मां के शव को दफना रही थी। उसकी मां के अंतिम संस्कार में कोई भी शामिल नहीं हुआ, तब उसे अकेले मां को शव को दफनाना पड़ा। लेकिन अब जब उसने उनका श्राद्धकर्म किया तो उसमें 150 लोग पहुंच गए।

मां से पहले उसके पिता का निधन हो गया था। ये मामला विशनपुर पंचायत के वार्ड नंबर 14 का है। सोनी के पिता मेडिकल स्टोर चलाते थे। उनकी तबीयत बिगड़ी और कई दिन अस्पताल में रहने के बाद उनकी मौत हो गई, 4 दिन बाद मां की भी मौत हो गई।इससे लोगों में ऐसा डर फैला कि कोई उनकी लाश भी उठाने नहीं आया।

माता-पिता के जाने के बाद 3 बच्चे बचे। 'इंडिया टाइम्स' की खबर के अनुसार, सोनी ने मां के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को बुलाया लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आया। इसके बाद उसने घर के के अहाते में ही गड्ढा खोदा और मां को दफना दिया। इसके बाद उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी।

बाद में उन्हें मदद मिलनी शुरू हुई। जिला प्रशासन से भी उन्हें आर्थिक मदद मिली। इसी से उन्होंने मां-पिता के श्राद्ध और ब्राह्मणभोज का आयोजन किया। इस आयोजन में गांव के 150 लोग शामिल हुए और भोजन किया। इस पर समाज के बुद्धिमान और समाज के ठेकेदारों को चिंतन अवश्य करना चाहिये।

रिपोर्टर

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