
आंगनबाड़ी केंद्रों के नामांकित बच्चों को दैनिक पोषाहार में मिलेगा पोषणयुक्त लड्डू - सीडीपीओ निरु बाला
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Jul 02, 2021
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- बाजार से लड्डुओं की नहीं होगी खरीदारी, सेविका खुद से बनाएंगी
- बच्चों के लिए होगा सुपाच्य और पौष्टिक, लंबे समय तक कर सकेंगे इस्तेमाल
रामगढ़ ( कैमूर )।। कोविड -19 के संक्रमण की वजह से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन लंबे समय से बाधित है। इस कारण आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को गर्म पौष्टिक आहार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसके स्थान पर सूखा राशन बच्चों के घर पहुंचाया जा रहा है। बच्चों में कुपोषण से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिये इसे अपर्याप्त मानते हुए समाज कल्याण विभाग ने नयी शुरुआत की है। इसके तहत बच्चों को अब हाई एनर्जी फूड की रेसिपी के तहत खास किस्म के लड्डू पोषक क्षेत्र के बच्चों के घर पहुंचाया जायेगा। विभागीय निर्णय के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित तीन से छह वर्ष के बच्चे कुपोषण के शिकार ना हो, इसके लिए बच्चों को पौष्टिक लड्डू खिलाया जाएगा। बच्चों को दिया जाने वाला पौष्टिक लड्डू बाहर का निर्मित नहीं होगा, बल्कि आंगनबाड़ी केंद्र को संचालित करने वाली सेविका ही बनाएंगी। ताकि बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक लड्डू में मिलावट करने की कोई गुंजाइश ना हो।
सेविका खुद से बनाएंगी लड्डू, बाहर से नहीं होगी खरीदारी :
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी नीरू बाला ने बताया,प्रखण्ड के सभी सेविकाओं को पौष्टिक लड्डू बनाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका हूं। ताकि, स्कूल पूर्व शिक्षा के बच्चों को पौष्टिक लड्डू देने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता ( इम्युनिटी सिस्टम) मजबूत हो सके। उन्होंने बताया, पहले बच्चों को दैनिक पोषाहार के रूप आंगनबाड़ी केंद्रों पर पका भोजन, जैसे - खिचड़ी, दलिया, हलवा समेत अन्य भोजन मिलता था। किन्तु, अब बच्चों को सेविका-सहायिका के हाथों तैयार किया हुआ पोषण लड्डू के साथ-साथ सत्तू लड्डू मिलेगा। सप्ताह के तीन दिन सत्तू लड्डू मिलेगा जिसे सत्तू के साथ मूंगफली, शुद्ध घी, गुड़ (शक्कर) के संयुक्त मिश्रण से तैयार किया जाएगा। सप्ताह के तीन दिन पोषण लड्डू मिलेगा जिसे गेहूं का आटा, मड़ुआ, बिना छिलके वाली मूंग दाल, उसना चावल, घी के साथ गुड़ के संयुक्त मिश्रण से बनाया जाएगा जो बच्चों के लिए ना सिर्फ उचित पोषण होगा बल्कि, सुपाच्य और रुचिचिपूर्ण भी होगा। कुपोषण की समस्या का स्थाई समाधान होगा।
महिलाओं को भी प्रशिक्षण देंगी सेविकाएं।गौरतलब है कि आईसीडीएस विभाग संक्रमणकाल में भी बच्चों को कुपोषण से बचाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। जिससे पोषण अभियान को और भी सरल और सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।
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