सीएम योगी के आगमन से डरे प्रशासन ने खुद पर गाज गिरने के डर से पत्रकार को बंधक बनाया

सवंसा, जौनपुर


जौनपुर जनपद के महाराजगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत सवंसा ग्राम के  निवासी पत्रकार संतोष कुमार, अपने परिवार तथा स्वयं पर हमले व जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी भाजपा मंडल अध्यक्ष और उसके गुर्गे की गिरफ्तारी के मामले में डीएम ऑफिस के सामने कलेक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन पर बैठे थे।  पत्रकार सन्तोष कुमार का आरोप है कि योगी के आगमन के डर से पत्रकार को थाना अध्यक्ष द्वारा महाराजगंज पुलिस फोर्स के साथ जबरदस्ती डरा धमका कर अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया ।

 गौरतलब है कि कल मुंगरा बादशाहपुर में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ का आगमन होने वाला है।पुलिस प्रशासन सहित जिला प्रशासन की पोल खुलने के डर से आनन-फानन में रात 1:30 बजे थानाध्यक्ष महाराजगंज द्वारा पत्रकार को जबरन जिला अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया जबकि पत्रकार का आरोप है कि उसका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है और उसे किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। प्रशासन को डर है कि कहीं उनकी लापरवाही, उदासीनता, हीला हवाली और उचित कार्रवाई करने में ढील बरतने का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच न जाए, इस भय से ग्रस्त और स्वयं पर गाज गिरने के डर से पत्रकार को जिला अस्पताल में अपराधियों की तरह कैद किया गया है। 


पत्रकार ने बताया 25 जून 2021 को भाजपा मंडल अध्यक्ष के मामले में एक खबर चलाई थी तत्पश्चात 26 जून 2021 को मंडल अध्यक्ष और उनके साथियों द्वारा हमला किया जाता है और पत्रकार का पैर तोड़ दिया जाता है। पत्रकार के पूरे परिवार पर 20 अगस्त को पुनः हमला होता है। अपनी जान बचाने के लिए पत्रकार को डीएम ऑफिस के सामने कलेक्ट्रेट परिसर में कार्रवाई को लेकर आमरण अनशन पर बैठना पड़ा ।पत्रकार का आरोप है कि आमरण अनशन के 30 वें दिन अचानक आनन-फानन में थाना अध्यक्ष महाराजगंज ने डॉक्टरों की मिलीभगत से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पत्रकार ने थाना अध्यक्ष तथा डॉक्टरों से अपनी जान माल का खतरा  भी बताया है।पत्रकार ने आशंका जताई है कि डॉक्टरों द्वारा जहर का इंजेक्शन लगाकर किसी भी समय उसे मौत के घाट उतारा जा सकता है। अपने साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटने पर पत्रकार ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।।


इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि किसी भी सरकार की छवि खराब करने के लिये लोकल स्तर के नेता और प्रशासनिक कर्मचारी पूर्णतया जिम्मेदार होते हैं। इन लोगों की मनमानी व गुंडागर्दी की असली तस्वीर ऊपर तक नहीं पहुँच पाती और जनता इस नेताओं और कर्मचारियों के कृत्य से ऊबकर  उस सरकार को बदलने में जुट जाती है। 

समाचार लेखन के साथ योगी सरकार से यह उम्मीद की जाती है कि इस मामले को विशेष संज्ञान लेते हुएन्यायपूर्ण कार्यवाही करते  सरकार की छबि को बचाने का प्रयास करेंगे।।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट