किसान पैक्स में धान बेचने में नहीं ले रहे हैं दिलचस्पी चांद में केवल 2112 किसानों ने ही किया आवेदन

कैमूर चांद ।। प्रखण्ड में धान अधिप्राप्ति की शुरुआत हुये एक सप्ताह से अधिक दिन होने के बाद भी खरीददारी शुन्य है सरकार के लाख दावे के बीच चांद में एक किवंटल धान की खरीददारी नहीं होना हैरान करने वाला है।किसान मजदूर संघर्ष समिति ने पैक्स अध्यक्ष पर अविलंब कारवाई की मांग की है।।किसानों को धान बेच देने की किसी चुनौती से कम नहीं है। किसानों के उपज धान खेत से कटकर खलिहान में आने शुरू हो गये हैं। किसान हार्वेस्टिंग करा या हाथों से काटकर खलिहान में धान जमा करने में जूटे हैं। किसानों को चिंता है समय से धान की बिक्री नहीं हुआ तो गेंहू एवं रवी फसल खेतों में कैसे लगेगें। किसानों के पास धान के अलावा एक पैसे नहीं है। जिससे खाद बीज डीजल आदि खरीद कर गेंहू एवं रवी की बुआई करा सकें।किसानों ने कहा धान की नमूना लेकर पैक्स अध्यक्षों के यहाँ जाने पर अध्यक्ष धान लेने से साफ इंकार कर दे रहे हैं। धान खरीद नहीं शुरू करने के पिछे पैक्स अध्यक्षों के अपने तर्क है। पैक्स अध्यक्षों ने कहा कि उसना चावल की अनिवार्यता धान खरीद में सबसे बड़ी बाधा है। किसानों ने कहा कि पिछले 12 साल से पैक्स के द्वारा धान खरीद करने की रिकॉर्ड या स्थिति बहुत खराब है। पैक्स अध्यक्षों के द्वारा धान खरीद करने में उदासीनता एवं ना नुकर को देखते हुए किसानों ने धान अधिप्राप्ति के लिए आनलाइन आवेदन करने में कोई रूचि नहीं ले रहे हैं। प्रखण्ड में 22 नंवबर तक आवेदन करने की स्थिति देखने पर किसानों की उदासीनता दिखाई पडेगी।  प्रखण्ड धान एवं गेंहू की खेती करने या उत्पादन करने में किसानों को ख्याति मिली हुई है। पिछले कई वर्षों से धान का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसानों की हालत बहुत खराब है। किसानों के जेब में पैसे नहीं है कि गेंहू एवं रवी की बुआई कर सकें। किसानों क उपज धान लेने वाला कोई नहीं है। धान का बाजार मूल्य निचले स्तर पर है।

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