39 बंधुआ मजदूरों को कराया मुक्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी जिला प्रशासन को बधाई

नरसिंहगढ़/ राजगढ़ ।। तीन दिवस पूर्व माननीय विधायक नरसिनगढ़ द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक  प्रदीप शर्मा (भापुसे) को अवगत कराया की नरसिंहगढ़ के कुछ मजदूर भाई बहन कोल्हापुर में बहुत परेशानी में फंसे हुए हैं ।  थाना नरसिंहगढ़ की पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए 39 बंधुआ मजदूरों को महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले से मुक्त कराने में सफलता अर्जित की है। 

 दिनांक 21.11.2021 को आवेदक पप्पू पारदी निवासी अंबेडकर नगर ने लिखित आवेदन पत्र के माध्यम से सूचना दी थी कि उसके भाई महेश सहित कुल 39 लोगों को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में जबरजस्ती उनसे गन्ने के खेतों में मजदूरी का काम कराया जा रहा है और उनकी मजदूरी भी नहीं दी जा रही है । घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए नरसिंहगढ़ विधायक महोदय द्वारा पुलिस अधीक्षक  राजगढ़ से चर्चा की गई।

पुलिस अधीक्षक राजगढ़ द्वारा मामले को तत्परता से लेते हुए थाना प्रभारी नरसिंहगढ़ को एक टीम गठित कर संबंधित स्थान पर भेजने हेतु निर्देशित किया एस.डी.ओ.पी. नरसिंहगढ़ एवं थाना प्रभारी नरसिंहगढ़ के मार्गदर्शन में थाने से उपनिरीक्षक राकेश दामले, प्रधान आरक्षक 519 लक्ष्मीनारायण एवं आरक्षक 196 राजमल सिंह द्वारा रक्षित केन्द्र राजगढ़ से उपलब्ध कराए गए विशेष वाहन से करीब 28 घंटे का सफर तय करके महाराष्ट्र के जिला कोल्हापुर तहसील करवीर ग्राम गिरगांव थाना इस्पुर्ली पहुंचे और मजदूरों को बंधुआ मजदूरी के दलदल से निकालने का सराहनीय कार्य किया है।

उक्त मजदूरों द्वारा बताया गया कि करीब एक महीने पहले मुकद्दम ठेकेदार मेहमूद खान निवासी बुरहानपुर द्वारा प्रतिदिन के एक जोड़े को 800 रुपये देने का बोलकर गन्ना कटाई हेतु ग्राम आम्बेडकर नगर से 16 जोड़े बच्चों सहित कुल 39 लोगों को आईशर गाड़ी से गिरगांव कोल्हापुर महाराष्ट्र लेकर गया था। जहां पर मुकद्दम ठेकेदार द्वारा मजदूरों को गिरगांव के महेश मधुकर चौहान को सुपुर्द कर दिया था लगातार 25 दिन मजदूरों द्वारा गन्ना कटाई का काम करने के बाद जब महेश मधुकर चौहान से मजदूरी के पैसे मांगे गये तो उसने बोला की मैं तुम्हारी मजदूरी के पैसे ठेकेदार मेहमूद खान को दे चुका हूं। मजदूरी के पैसे न मिलने पर जब मजदूरों ने काम बंद कर अपने घर वापस लौटने की बात महेश मधुकर चौहान से बोली तो महेश द्वारा मजदूरों को घर आने से रोका गया तथा मजदूरों को पैसे न देकर बंधुआ मजदूर बना काम करने हेतु दबाव बनाया। बंधुआ मजदूर रहने के दौरान ही एक महिला मजदूर ने एक शिशु को भी जन्म दिया जिसने भी प्रसब के दौरान कई कठिनाईयों का सामना किया।              

इस प्रकार करीब 39 मजदूरों से जबरदस्ती मजदूरी कराई जा रही थी उक्त लोगों को पुलिस टीम द्वारा मुक्त कराया गया एवं इनके परिजनों को सुपुर्द किया गया बिछड़े परिजनों से मिलकर इन लोगों में हर्ष की लहर दौड़ गई। परिवार से दूर मजदूरी की जिंदगी व्यतीत कर रहे लोग जब अपने परिवार से मिले तो भाव विभोर हो गए। 

आज सभी मजदूरों का जिला कलेक्टर  हर्ष दीक्षित, विधायक राज्यवर्धन सिंह, पुलिस अधीक्षक  प्रदीप शर्मा (भापुसे), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनकमना प्रसाद, एसडीओपी  भारतेंदु शर्मा द्वारा स्वागत किया गया । सभी मजदूरों के बयान लेकर प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही की जायेगी ।

उपरोक्त सराहनीय कार्य में थाना नरसिंहगढ़ से उपनिरीक्षक राकेश दामले, प्रधान आरक्षक 519 लक्ष्मीनारायण एवं आरक्षक 196 राजमल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

अपनी कार्यकुशलता से नरसिंहगढ़ के इन मजदूरों को मुक्त कराकर आपने न केवल कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया है, बल्कि नागरिकों के ह्रदय में प्रदेश की क़ानून व्यवस्था के प्रति विश्वास को और भी सुदृढ़ किया है: महाराष्ट्र में बंधक मध्यप्रदेश के 39 मजदूरों को मुस्तैदी से मुक्त कराकर सकुशल घर पहुंचाने के लिए राजगढ़ जिला प्रशासन को बधाई ।

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