चायनीज मांझे ने कतरा पर,चिकित्सक ने दिया जीवन

राजेश चौबे

जौनपुर

सुइथाकला। चायनीज मांझे के बिक्री पर प्रतिबन्ध के बावजूद भी रह रहकर चायनीज मांझे से हुई घटनाओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रही है। चायनीज मांझा  इन्सानों से लेकर बेजुबानों तक की जान के लिए आफत बना हुआ है। मंगलवार शाम क्षेत्र के राजकीय पशु चिकित्सालय अढ़नपुर पर तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी डाक्टर आलोक सिंह पालीवाल के सामने एक घटना आई। 


बताया जाता है कि तहसील क्षेत्र के छतांई खुर्द गांव में पतंगबाजी के दौरान एक बाज पक्षी पतंग के मांझे की जद में आ गया। जिसमें उसका पंख बुरी तरह से कट गया। घटना के बाद पक्षी लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। उसी समय गांव के ही नीरज पुत्र श्यामलाल यादव ने दयालुता का परिचय देते हुए बाज को घायलावस्था में डाक्टर पालीवाल के पास लेकर पहुॕचा। जहां पशु चिकित्सक द्वारा इलाज कर उसे नया जीवन  दिया गया। फिलहाल इस घटना ने यह साबित कर दिया कि शासन प्रशासन चायनीज मांझे पर प्रभावी लगाम लगाने में विफल है या घटनाओं के प्रति जागरूक नहीं है।

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