तो अब क्या फूलपुर विधान सभा से होगी पिता पुत्र में राजनीति जंग

आजमगढ़। प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा 2022 चुनाव की तरीखें नजदीक आ रही हैं वैसे ही राजनीतिक बिसात बिछती चली जा रही है। सत्ताधारी भाजपा जहां अपने पिछले पांच साल का रिपोर्ट कार्ड जनता के बीच रख रही है वहीं विपक्षी पार्टियां भी बीजेपी के खिलाफ एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं। इस चुनाव में, सपा पांच साल के सूखे को खत्म करने उतरी है वहीं, कांग्रेस और बसपा भी अपना खोया वजूद हासिल करने निकल पड़ी हैं। ऐसे में पूर्वांचल का जिक्र न हो और उसमें भी आजमगढ़ का ऐसा होना मुश्किल है। हम बात करेंगे आजमगढ़ फूलपुर पवई विधानसभा क्षेत्र की। आइये हम आपको रूबरू कराते हैं, कुछ मशहूर चेहरे जो 2022 के चुनाव में मजबूत दावे पेश किये, है, जिसमें सबसे पहले अरुण कान्त यादव बीजेपी से वर्तमान समय मे विधायक है, जो पूर्व बाहुबली सांसद रमाकांत यादव के बेटे है, पूर्व सांसद अभी हाल ही में बीजेपी छोडकर सपा में शामिल हुए हैं, इस सीट पर काफी रशूक है, इस सीट से पूर्व सांसद चार बार विधायक, और आजमगढ़ से चार बार सांसद रह चुके है,

सूत्रों की माने तो पूर्व सांसद इस सीट से दावेदार तो नही है फिर भी, सपा में आने से सियासी समीकरण बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं, अगर सपा यहां से उन्हें प्रत्याशी बनाती है तो पिता-पुत्र में जंग होना तय है। इस सीट से सपा से पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव 2022 के लिये दावेदारी पेश कर चुके है, फूलपुर पवई विधानसभा सीट यादव बाहुल्य है, यही वजह है कि सपा इसे अपने खाते में लेने के लिए बेताब हैं, एक नजर अब तक के बने विधायकों पर जो साबित करेंगे इस सीट पर किसका राशूक है देखते है।
1951 शिव नाथ काटजू (कांग्रेस)
1957 शिव मूर्ति (कांग्रेस)
1957 सुखी राम भारतीय (कांग्रेस)
1962 मुजफ्फर हसन (कांग्रेस)
1967 राम बचन (कांग्रेस)
1969 राम बचन (भारतीय क्रांति दल)
1974 राम बचन (भारतीय क्रांति दल)
1977 पद्माकर (जनता पार्टी)
1980 अबुल कलामी कांग्रेस (इंदिरा)
1985 रमाकांत यादव कांग्रेस (जगजीवन)
1989 रमाकांत यादव (बसपा)
1991 रमाकांत यादव (जनता पार्टी)
1993 रमाकांत यादव (सपा)
1996 राम नरेश यादव (कांग्रेस)
2002 राम नरेश यादव (कांग्रेस)
2007 अरुण कांत यादव (सपा)
2012 श्याम बहादुर यादव (सपा)
2017 अरुण कांत यादव (भाजपा)

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