जीवन मे सफलता, सौम्यता, और धैर्य जैसे अनेक मानवीय गुणों का होता है विकास

जिंदगी एक सफर है तो बढ़ते कदमों  को नही रोकना चाहिए।  क्योंकि राहे और भी तो है  ,  तो क्यों न इसे हसकर तय करें।  अपनी शौक को ताकत बनाकर आगे बढ़ने की जरूरत है।  सफलता पाने के लिए कोई नही रोक सकता।  जीवन मे बाधाएं बहुत सी आती है इनसे घबराने की जरूरत नही है।  उसको प्रसन्नतापूर्वक सहना और दृढ़ ईच्छा शक्ति के साथ सभी कार्य को करना चाहिए।  हमे भावनाओ के साथ काम करना व्यवहारिक जीवन मे उपयोगी होता है।  इस जीवन को खिल खिलाने के लिए कर्म जैसा कुछ भी नही है।  यह सपनों का संसार है।  जिसने समझने के लिए मानव मन के विज्ञान को जगाने की आवश्यकता है।  निद्रावसथा मे शरीर स्थिर हो जाने पर भी मन मस्तिष्क सक्रिय रहता है।  हम बहुत सी कल्पनाएं करते है।  सोच विचार कर योजनाएं बनाते है, इच्छाएं, स्मृति पटल पर अंकित हो जाती है।  जो सपनो के माध्यम से जागृत हो जाती है।  स्वप्न के रहस्यों को सुलझाने के लिए बुद्धिमान गुरू की आवश्यकता पड़ती है।  चेला बनना आसान है पर गुरू बनना कठिन है।  कर्तव्यनिष्ठा व्यक्ति सदा सुखी रहता है।  दुखी वह होता है जो दुसरों के प्रगति को देखकर ईर्ष्या करता है।  आने वाले कल के लिए हमे कुछ करना चाहिए।  जगह-जगह मीटिंग से हम लोगो को सीख दी जाती है कि कठिन हालात मे जिंदगी मे कैसे आगे बढ़ना होता है और लक्ष्यों को कैसे हासिल करना होता है।  साथ ही आत्मविश्वास की भावना का विकास होता है।  इससे जीवन मे सफलता, सौम्यता और धैर्य जैसे अनेक मानवीय गुणो का विकास होता है।  अपने सपने बड़े होने चाहिए।  सब दृढ़ इच्छा शक्ति,उत्साह,उमंग और विश्वास के साथ पूरे हो जाते है।  कुछ ईर्ष्यालु अराजक तत्व हम सबो को हतोत्साहित करते है।  तो उनसे कह देना चाहिए कि आज अच्छा नही है।  तो कल जरूर बेहतर होगा।  क्योंकि कर्म करो तो फल मिलता है।  आज नही तो कल मिलता है।  जितना गहरा हो कुंआ उतना मीठा जल मिलता है।  झूला जितना पीछे जाता है, उतना ही आगे को आता है। 

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