फाइलेरिया शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक : डॉ. शैलेंद्र

प्रजनन अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है मच्छर के काटने से होने वाली यह बीमारी

- सभी सरकारी चिकित्सा केन्द्रों पर निशुल्क उपलब्ध है डीईसी दवा

बक्सर ।। अमूमन विकलांगता जन्म से ही होती है। लेकिन ऐसी कई बीमारियां हैं, जो किसी मनुष्य को विकलांग बना सकती है। उनमें से एक है फाइलेरिया। जो मच्छर के काटने से होता है। जिसके लक्षणों की यदि सही समय पर पहचान नहीं की जा सकी, तो मरीज को हाथीपांव, हाइड्रोसिल या अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। फाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति दवा के पूरा सेवन कर रोग को नियंत्रित रख सकता है। फाइलेरिया से संक्रमित हो जाने पर लंबे समय तक इलाज चलने और दवा की खुराक पूरी करने पर रोगी समान्य जीवन जी सकता है। दवाइयों की खुराक पूरी नहीं करने पर, यह रोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक है। सभी सरकारी चिकित्सा केन्द्रों पर डीईसी दवा नि:शुल्क उपलब्ध है।

हाथ-पैर में सूजन या दर्द फाइलेरिया होने के लक्षण हैं :

जिला वेक्टर बॉर्न डिजिज कंट्रोलर अफसर डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, यदि ज्यादा दिनों तक बुखार रहे, पुरुष के जननांग में या महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहे और खुजली हो, हाथ-पैर में भी सूजन या दर्द रहे तो यह फाइलेरिया होने के लक्षण हैं। तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर चिकित्सा शुरू करवाना सुनिश्चित करवाएं। मरीज नियमित रूप से बताये गए दवा का सेवन करें और अपने परिजनों को भी डीइसी एवं एल्बेंडाजोल दवा का सेवन जरुर करने के लिए प्रेरित करें। हालांकि इसके लिये जिले में अभियान चलाये जाते हैं। पांच साल तक एक बार इन दवाओं के सेवन से कोई भी व्यक्ति आजीवन फाइलेरिया के खतरे से मुक्त हो सकता है। उन्होंने बताया कि स्वच्छता का ध्यान और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग फाइलेरिया से सुरक्षा देता है।

क्यूलेक्स मच्छर माइक्रो फाइलेरिया लार्वा को जन्म देता है :

फाइलेरिया बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है। इसके काटने से शरीर में वुचेरिया बेंक्राफ्टी नाम का परजीवी प्रवेश कर जाता है। क्यूलेक्स मच्छर माइक्रो फाइलेरिया लार्वा को जन्म देता है। इसके अलावा एनोफेलीज और वेक्टर मैनसनिया मच्छरों के काटने से भी फाइलेरिया की बीमारी हो सकती है। इन मच्छरों के काटने से बॉडी में ब्रुजिया मलेई परजीवी शरीर में पहुंच जाता है। मच्छरों के काटने के कारण माइक्रोफाइलेरिया लार्वा शरीर में लिम्फेटिक और लिम्फ लोड्स में चला जाता है। जो कई सालों तक शरीर में एडल्ट वर्म में विकसित होते रहते हैं। जिसका पता लगभग 10 से 15 साल के बाद चलता है। लेकिन, तब तक मरीज ग्रेड टू के स्टेज को भी पार कर लेता है।

डीइसी एवं एल्बेंडाजोल दवा का सेवन कराना आवश्यक :

गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों और किसी गंभीर रोग होने पर फाइलेरिया की दवा नहीं खिलानी है। ये गोलियां हमेशा चबा कर खाएं और खाली पेट कभी भी नहीं खाएं, अन्यथा नुकसान दायक हो सकता है। एक तरफ जहां मरीजों का उपचार एवं प्रबंधन तो दुसरे तरफ ज्यादा से ज्यादा लोगों को साल में एक बार डीइसी एवं एल्बेंडाजोल दवा का सेवन कराना आवश्यक है। जनमानस को दवा के लाभ के बारे में जागरूक करने की जरुरत है ताकि लोग फाइलेरिया रोग की गंभीरता और उसके खतरे से अवगत हो सकें।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट