स्वास्थ्य एवं पोषण लाभ के लिए बेहद महत्वपूर्ण है वीएचएसएनडी सत्र : डॉ. सुधीर

बक्सर ।। जले के सभी प्रखंडों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार को ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) सत्र का आयोजन हुआ। इस दौरान गर्भवती व धात्री महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं के साथ परामर्श भी दिया गया। वीएचएसएनडी सत्र में गर्भवती एवं बच्चों का टीकाकरण किया गया। साथ ही, गर्भवती की हीमोग्लोबिन जांच, बीपी जांच, वजन आदि की जांच की गयी साथ ही आयरन व कैल्शियम की गोली का वितरण किया गया। सत्र में मौजूद गर्भवती, धात्री, किशोरी एवं बच्चों की माताओं को उम्र के अनुसार पोषक तत्वों की आवश्यकता, आहार को सन्तुलित बनाने, उपलब्ध खाद्य सामग्री को मात्रा के हिसाब से सेवन करने, सही तरीके से स्तनपान, स्वस्थ पोषण व्यवहार, गांव- घर में उपलब्ध संसाधनों में से पौष्टिक आहार कैसे तैयार करने, पोषण वाटिका का महत्व इत्यादि के संबंध में विस्तार से बताया गया। इसके अलावा लाभार्थियों को खाने, खाने की मात्रा बढ़ाने, खाने में हरी पत्तेदार सब्जी, चना, गुड़, दाल, दूध, मोटे अनाज, मौसमी फल तथा आयरन व कैल्शियम की गोली कब और कैसे खायें के बारे में परामर्श दिया गया।

जागरूकता लाने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है :

सदर प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार ने बताया, वीएचएसएनडी सत्र में लाभार्थियों को आत्मनिर्भर बनने तथा स्वयं के साथ आस पास के लोगों में भी स्वस्थ व्यवहार के प्रति जागरूकता लाने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। स्वास्थ्य एवं पोषण लाभ के लिए वीएचएसएनडी सत्र बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया, सत्र में बच्चों का वजन कर टीकाकरण कार्ड में अंकित करते हुए उनके माता पिता को बच्चों के पोषण स्तर की जानकारी देते हुए बच्चों की सही देखभाल, स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने, छह माह तक केवल स्तनपान एवं छह माह से ऊपर के बच्चों को मां के दूध के साथ ऊपर का आहार कब, कितना और कितनी बार खिलायें, बच्चों के आहार को और पौष्टिक कैसे बनाएं इत्यादि की विस्तार से जानकारी दी जाती है।

वीएचएसएनडी के दौरान ई-टेलीमेडिसिन का भी लाभ उठा रहे हैं ग्रामीण :

बीसीएम प्रिंस कुमार सिंह ने बताया, वीएचएसएनडी सत्र के दौरान अब ग्रामीणों को ई-टेलीमेडिसिन की सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। जिसका लाभ गर्भवती महिलाओं के साथ साथ धात्री महिलाएं और किशोरियां भी उठा रही हैं। खासकर गर्मी के मौसम में सुदूर ग्रामीण इलाकों की लाभार्थियों के लिए ई-टेलीमेडिसिन काफी सुविधाजनक साबित हो रहा है। सुदूरवर्ती गांव के लोगों को इस सेवा से काफी लाभ मिलने लगा है। सदर प्रखंड समेत जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां से स्वास्थ्य केंद्रों की दूरी ज्यादा होने के साथ ही हर समय चिकित्सीय सलाह लेना मुश्किल लगता था। लेकिन अब तो घर बैठे फोन करके भी सलाह या दवा मिलनी शुरू हो चुकी है। ऐसे में टेलीमेडिसीन यहां के लोगों के लिए वास्तव में संजीवनी साबित हो रही है। लाभार्थी महिलाओं को अब चिकित्सीय परामर्श के लिए पीएचसी या सदर अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। अब वो ई-टेलीमेडिसिन के मध्यम से ऑनलाइन चिकित्सकों को अपनी बीमारी और परेशानियों से अवगत कराकर उचित परामर्श और इलाज ले रही हैं।

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