दियारा इलाकों में टीबी मरीजों की निगरानी के साथ चलाया जा रहा खोजी अभियान

- मरीजों का नियमित रूप से फॉलोअप करने के साथ सुरक्षित रहने के बताए जा रहे हैं गुर

- सुदूर ग्रामीण इलाकों में टीबी से बचाव के लिए लोगों को किया जा रहा है जागरूक

- 1800-16666 मिस्ड कॉल कर कोई भी ले सकता है टीबी की जानकारी

बक्सर ।। जिले से 2025 तक टीबी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र  पूरी तरह से तत्पर है। इसके लिए अब शहरी इलाकों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण इलाकों और गंगा के तटीय व दियारा इलाकों में मरीजों की खोज तेज कर दी गई है। ताकि, संदिग्ध मरीजों की पुष्टि हो सके। साथ ही, इलाजरत टीबी मरीजों का नियमित रूप से फॉलोअप करते हुए निगरानी भी की जा रही है। जिससे वे नियमित रूप से दवाओं का सेवन करें और खानपान का ध्यान रख सकें। हालांकि, ज्यादातर जानकारी के अभाव में मरीज जल्द ठीक नहीं हो पाते। लेकिन, अब टीबी के संबंध में पूरी जानकारी मात्र एक मिस्ड   कॉल पर भी उपलब्ध है। जिसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने 1800- 16666 टॉल फ्री नंबर जारी किया है। इस नंबर पर मिस्ड कॉल करते ही टीबी मरीजों को पूरी आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है ।


इस तरह से कारगर हो सकती है मिस्ड कॉल सेवा :

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह सीडीओ डॉ. अनिल भट्ट ने बताया, अमूमन देखा गया है ज्यादातर टीबी मरीज निम्न वर्गीय परिवार से आते हैं। जिनको टीबी के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं होती है। जिसके कारण वो इस बीमारी को लेकर उदासीन रहते हैं और बाद में यह टीबी गंभीर रूप ले लेती है। इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय ने मिस्ड  कॉल की सुविधा शुरू की है। ताकि, कोई भी व्यक्ति महज एक मिस्ड कॉल से टीबी की जानकारी प्राप्त कर सके। वहीं, इस टॉल फ्री नंबर पर कॉल करके टीबी के मरीज अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। जिसका निष्पादन जल्द से जल्द किया जाता है। हालांकि, मिस्ड कॉल सेवा की मदद से मरीजों की पहचान के साथ उनको समुचित चिकित्सा उपलब्ध हो सकेगी।


मरीजों की खोज को लेकर चलाया जाता है अभियान :

डॉ. अनिल भट्ट ने बताया, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विभिन्न चरणों में व्यापक स्तर पर टीबी मरीजों की खोज को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में अनाथालय, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, रैन बसेरा, पोषण एवं पुनर्वास केंद्र, ईंट भट्ठा के मजदूर, ग्रामीण दूरस्थ और कठिन क्षेत्र, महादलित टोला और अन्य लक्षित समूह जैसे उच्च जोखिम युक्त समूह पर विशेष नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही टीबी की निःशुल्क जांच और इलाज पर विभाग विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया, फिलवक्त जिले के इलाजरत मरीजों के फॉलोअप को सुदृढ़ किया गया है। जिसमें मरीजों का पूरा डिटेल लिया जा रहा है। ताकि, कमियों को चिह्नित किया जा सके।

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