भिवंडी पालिका की आरक्षण घोषणा रद्द लोगों में भारी नाराज़ी

भिवंडी।। राज्यों में सरकार बदलने के बाद पूर्व सरकारों के कई फैसलों में फेरबदल अथवा रद्द कर दिए जाते है। इसका सीधा असर आम नागरिकों पर पड़ता रहा है। इसके आलावा अनेकों की मेहनत भी प्रभावित होती रही है। भिवंडी महानगर पालिका के आम चुनाव की तैयारियों के क्रम में 5 अगस्त, शुक्रवार को वार्ड के आरक्षण संबंधी घोषणा होना तय हुआ था किन्तु देर रात आऐ शासन अध्यादेश के बाद सुबह 11 बजे होने वाले वार्ड आरक्षण की घोषणा रद्द करना पड़ा। 

गौरतलब हो कि भिवंडी पालिका प्रशासन द्वारा आम चुनाव करवाने के लिए बड़ी संख्या में अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। इसके लिए कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत भी की थी। महाविकास आघाड़ी की गठबंधन सरकार ने चार सदस्यीय वार्ड ढांचे को तीन सदस्यीय वार्ड ढांचे में बदल दिया था और जनगणना नहीं होने से मतदाता की संख्या में वृद्धि देखते हुए सदस्यों की संख्या में 15 प्रतिशत की वृद्धि की थी। इस नई नीति के अनुसार भिवंडी शहर महानगर में सदस्यों की संख्या 11 बढ़कर 101 हो गई थी। जिसके तहत तीन सदस्यीय वार्ड संरचना का मसौदा तैयार किया गया। जिसका कच्चा प्रारूप जारी किया और हरकती अर्ज व सुझाव के बाद अंतिम मसौदा जाहिर किया गया था और 5 अगस्त शुक्रवार को वार्ड संरचना के अनुसार आरक्षण की घोषणा होना तय हुआ था। लेकिन वर्तमान शिदे व भाजपा सरकार ने पूर्व में दिये गये महा विकास आघाडी सरकार के फैसलों को रद्द कर वर्ष 2017 प्रमाणे चार सदस्यीय पैनल पद्धति से चुनाव करवाने के लिए अध्यादेश जारी कर दिया। इसके साथ ही 15 प्रतिशत सदस्यों की संख्या की वृद्धि निर्णय भी रद्द कर दिया है। जिसके कारण कईयों की किस्मत व मेहनत पर पानी फिर गया है। जिसके कारण चुनाव में जीत की उम्मीद बनाऐ कई उम्मीदवारों में सरकार के इस फैसले से तीव्र नाराजगी व्याप्त है।

रिपोर्टर

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