सरकार, विभागीय अधिकारियों के रवैए से परेशान वार्ड सदस्य दे सकते हैं सामूहिक इस्तीफा

रामगढ़ से राजीव कुमार पाण्डेय कि रिपोर्ट


रामगढ़।। प्रखंड क्षेत्र रामगढ़ के वार्ड सदस्य विभागीय कर्मियों,अधिकारियों के द्वारा की जा रही लापरवाहियों को लेकर व पंचायती राज मंत्री को दिए गए ज्ञापन पत्र पर सुनवाई न होने से दुखित वार्ड सदस्य जल्द ही सामूहिक त्यागपत्र दे सकते हैं।इसकी जानकारी पंचायत वार्ड संघ के प्रखंड अध्यक्ष विशेष श्रीवास्तव ने दी ।आगे कहते हुए अध्यक्ष ने कहा कि जो कार्य एक फोन के माध्यम से किया जा सकता है  वह कार्य आज एक महीने से ऊपर हो जाने के बाद भी नहीं किया गया।मामला यह है कि पंचायती राज विभाग के सचिव मिहिर कुमार ने एक पत्र जारी कर कहा कि सभी वार्ड को आजादी का 75वा अमृत महोत्सव मनाते हुए अपने-अपने वार्ड मे झंडोत्तोलन करना है साथ ही कुछ राशि (एक हजार रुपए मात्र) का जिक्र भी किया गया है पत्र के आधार पर जो सहयोगी मुखिया और सचिव हैं उन्होंने तो अपने अपने पंचायत मे सभी वार्ड सदस्यों को वह राशि दे दिया लेकिन जहां पर कानूनची मुखिया व सचिव हैं उन्होंने अभी तक अपने अपने पंचायत मे एक भी वार्ड सदस्य को यह राशि नही प्रदान किया।इस विरोधाभाष की स्थिति को देखते हुए अपने प्रखंड के प्रतिनिधि मंडल द्वारा इसका ज्ञापन सौंप माननीय मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम को सूचित किया गया यह पूरे बिहार प्रदेश मे तात्कालिक समस्या है।

यह मामला बिहार के सभी। प्रखण्ड में है । यहां बात सिर्फ 1000 रूपए कि नहीं है, यदि राज्य के सभी प्रखंड में इस राशि को जोड़ कर देखा जाए तो बड़ी राशि लुट और भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ सकता है ।इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने भी माननीय मंत्री को ज्ञापन सौंपा लेकिन माननीय मंत्री जी के द्वारा भी इसपर सुनवाई नही किया गया ।सुनवाई के तौर पर नही देने का भी पत्र जारी किया गया होता तो हमलोगों को लगता की सरकार वार्ड सदस्यों की भी सुन रही है।अब हमलोगों को पूर्ण विश्वास हो गया है कि हम वार्ड सदस्यों के हक और समस्याओं के निदान के लिए कोई सुनने वाला नही है।क्योंकि अपने क्षेत्र के विधायक सह कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को भी हमलोगों के द्वारा सूचित किया गया है हम लोगों का इस पत्र के आलोक मे एक ही मांग था कि जिस मुखिया सचिव को इस पत्र मे स्पष्टता नही दिख रहा है तो इस पत्र के आलोक मे मंत्री जी को एक दूसरा स्पष्ट पत्र जारी करवा कर अगर देना है तो दिलाने का अगर नही देना है तो नही देने का कार्य कर यश और सरकार की अच्छी सोच का नजरिया पेश करना चाहिए था लेकिन वैसा होते नही दिख रहा है।सब्र की भी सीमा होती है हम वार्ड सदस्य से जनता की सीधे अपेक्षाएं और प्रतिनिधियों से ज्यादा जुड़ी होती है।जनता से सीधा जुड़ाव वार्ड सदस्य का होता है अगर वार्ड सदस्य जनता का कार्य नही कर सकता,अपने हक पर सुनवाई नही करवा सकता तो उसे पद पर बने रहने का कोई औचित्य नही है।

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