राम वन गमन की प्रस्तुति पर भाव विभोर हुए दर्शक

सुईथाकला ।। विकासखंड क्षेत्र के कम्मरपुर गांव में चल रहे रामलीला के दूसरे दिन भगवान राम के वन गमन के शानदार मंचन से दर्शकों की आँखें छल- छला गईं। लोग महाराजा दशरथ के पत्नी मोह और कैकेई के पुत्र मोह को लोग कोस रहे थे। पात्रों के सुंदर अभिनय पर दर्शक भाव विभोर हो उठे जब भगवान श्री रामचंद्र जी, माता सीता और लक्ष्मण सहित वन को जाने लगे। तीनों के मन में अयोध्या छोड़ने की पीड़ा तो थी, लेकिन यह भाव सिर्फ लक्ष्मण के चेहरे पर दिखाई देता था। अपने सबसे प्रिय,आज्ञाकारी, विनम्र ,सत्यवादी ,सहनशील, सदाचारी, संस्कारित कलेजे के टुकड़े के वियोग में राजा दशरथ की मनोदशा देखकर उपस्थित भगवत प्रेमियों और दर्शकों की आंखें भर आईं। पुत्र के वियोग में महिलाओं की तरह विलाप कर रहे थे। लेकिन करे तो क्या करें रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई।इस वचन का पालन कर रहे थे ताकि रघुवंश पर कोई उंगली न उठा सके। एक तरफ रघुवंश पिता का मोह दिखाई दे रहा था। पात्र के इस शानदार अभिनय की दर्शकों ने सराहना की। हर कोई पात्रों के सुंदर अभिनय और शानदार प्रस्तुति की प्रशंसा कर रहा था।पात्रों के अभिनय की जीवंतता पर उपस्थित लोगों के सामने मानो रामायण का वास्तविक परिदृश्य मौजूद हो गया हो। लोगों को रामानंद सागर द्वारा बनाई गई टीवी सीरियल की इमेज स्थानीय कलाकारों में दिखाई देने लगी। मौके पर प्रधान प्रतिनिधि प्रवीण सिंह,डब्लू सिंह प्रधान प्रतिनिधि चिलबिली, अशोक कोटेदार ,सुरेंद्र दुबे (पप्पू )अमर बहादुर सिंह, अभिषेक सिंह,प्रभु राम, रामकेवल बिंद,पंडित बिंद आदि लोग मौजूद रहे।

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