
दुध व मीट खाने के लोभ में प्रखंड सह अंचल परिसर को नहीं कराया जा रहा अतिक्रमण मुक्त
- आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ बिहार
- Jan 30, 2023
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जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भुषण तिवारी की रिपोर्ट
कैमूर ।। जिला के कुदरा प्रखंड सह अंचल परिसर को अतिक्रमणकारियों से दुध व मीट खाने के लोभ में, पदाधिकारियों द्वारा नहीं कराया जा रहा अतिक्रमण मुक्त। आपको बताते चलें कि सरकार द्वारा सख्त आदेश दिया गया है, कि सरकारी भूमि को यथाशीघ्र अवैध कब्जों से मुक्त कराया जाए। जिसके परिणामस्वरूप जगह- जगह दिखावा के रूप में, पदाधिकारियों द्वारा खाता पूर्ति करते हुए, जिन मामलों में कोर्ट का आदेश है उन जगहों पर अतिक्रमण मुक्त कराया जाता है। पर जहां पदाधिकारियों के ऊपर कहीं से कोई कानूनी प्रक्रिया में फंसने की संभावना नहीं है, उन जगहों में सरकार का आदेश सरकार तक ही सिमट कर रह गया है। ऐसे वर्तमान कुदरा अंचल पदाधिकारी पंकज कुमार द्वारा भी कुछ जगहों पर सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया। पर जिन जगहों में भू माफिया वह पूंजी पतियों का बोलबाला है, उन जगहों में वह भी नगण्य दिख रहे हैं। अन्य जगह की तो बात ही अलग है। खुद कुदरा प्रखंड सह अंचल परिसर में कुछ लोगों द्वारा, लगभग 30-35 वर्षों से अतिक्रमण किया गया है। इतने वर्षों में अनेकों प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचल पदाधिकारी आए और गए। पर किसी के द्वारा भी अतिक्रमणकारियों से प्रखंड सह अंचल परिसर की भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया। वर्तमान अंचल पदाधिकारी से विगत वर्ष में इस संदर्भ में जब बात किया गया था। तो उनके द्वारा कहा गया कि प्रखंड परिसर प्रखंड विकास पदाधिकारी के देखरेख में होता है, इस विषय में उन्हें ध्यान देना चाहिए। फिर भी जल्द ही परिसर को खाली कराया जाएगा। जब इस संदर्भ में प्रखंड विकास पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार से बात किया गया, तो उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही खाली कराया जाएगा। पर 5-6 महीने बीतने के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा प्रखंड परिसर को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया। नाम नहीं दर्शाने के शर्त पर प्रखंड व अंचल कार्यालय में कार्यरत कुछ कर्मियों के द्वारा, बताया गया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचल पदाधिकारी को गाय पालने वाला दूध पहुंचाता है, तो बकरी पालने वाला मीट पहुंचाता है। जिसके वजह से उन लोगों के द्वारा कार्यवाही नहीं किया जा रहा है।जबकि इससे प्रखंड सह अंचल कार्यालय में कार्यरत कर्मियों के साथ ही सुरक्षा में तैनात कर्मी भी परेशान रहते है। यह सोचने का विषय है, कि जब दुध व मीट के लोभ में प्रखंड सह अंचल परिसर को पदाधिकारि अतिक्रमण से मुक्त नहीं करा पा रहे हैं।तो अन्य जगहों की क्या स्थिति होगा। ऐसी मामला किसी एक प्रखंड का नहीं है, जिला के अनेकों प्रखंड की स्थिति यही है। जिला के उच्च पदाधिकारियों से आग्रह है कि इस ओर ध्यान दिया जाए।
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